दशहरा पर्व पर सोमवार को अनाज मंडी परिसर में सार्वजनिक रूप से रावण दहन कार्यक्रम हुआ। इस बार कोरोना महामारी के चलते और प्रशासन के निर्देशानुसार दहन से पूर्व सदियों पुरानी व परम्परागत निकलने वाली भगवान रामजी की सवारी नहीं निकाली गई। जिसके कारण पर्व पर कम रौनक दिखाई दी।
जुलूस के रूप में निकलने वाली सवारी में बैंड-बाजे, अखाड़े के साथ नगर के वरिष्ठ जन व राजपूत सरदार पारंपरिक वेशभूषा पहनकर शामिल होते थे। काेराेना काल काे देखते हुए सादगी से दशहरा मैदान पहुंचे। राम-लक्ष्मण व हनुमानजी का रूप धरे कलाकारों को पूर्व विधायक राजेंद्रसिंह बघेल अपने निवास से ढोल के माध्यम से दशहरा मैदान लेकर पहुंचे।
जहां विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया गया। दहन के बाद बाद लोगों ने मंदिरों में जाकर देवताओं के दर्शन कर बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। इस बार लोगों की उपस्थिति कम दिखी व दशहरा मैदान में भी कोई विशेष आयोजन नहीं होने से चर्चा चलती रही। नप की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से इस वर्ष 36 फीट के बजाए 25 फीट का रावण दहन किया गया। हर साल मंडी प्रांगण में 3-4 हजार लोग जुटते थे, लेकिन इस साल करीब 1 हजार लोग ही शामिल हुए। दहन कार्यक्रम में कई लोग बिना मास्क के शामिल हुए।
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