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कोरोना संकट के कारण 11 महीने से ट्रेनों का सुचारु संचालन नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित होने वाली बसों की संख्या बढ़ गई है। लिमड़ी मार्ग पर इस तरह की लग्जरी बसें क्षेत्र से सवारी भरकर गुजरात की ओर संचालित की जा रही है।
लग्जरी यात्री बसें ग्राम परवलिया के परिवहन चेक पोस्ट से बेधड़क निकल रही है। ऐसी दर्जनों बसें बिना परमिट के ही चलाई जा रही है। परिवहन विभाग के अधिकारी केवल कागजी खानापूर्ति के लिए माह में कुछ बसों का चालान बना देते हैं। कई बसें तो एक ही परमिट पर संचालित की जा रही है।
नियमानुसार लग्जरी बसें जो टूरिस्ट परमिट पर चलती है, उसका प्रति यात्री प्रति सप्ताह का शुल्क 200 रुपए प्रति यात्री के हिसाब से होता है। आमतौर पर यात्री बसों में 52 सीट होती है। इस हिसाब से 10 हजार 400 रुपए प्रति सप्ताह का टैक्स शासन के खाते में जमा होना चाहिए। लेकिन मिलीभगत के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा।
परवलिया चेक पोस्ट पर तैनात आरक्षक जितेंद्र बारिया ने बताया हम बिना परमिट वाहनों को पकड़ते हैं। लेकिन बस वाले स्थानीय व्यक्ति होने से बसों को गांवों के रास्ते निकालकर ले जाते हैं। इस वजह से ऐसी बसों पर कार्रवाई नहीं कर पाते।
नियम का भी नहीं हो रहा पालन : बसों के संचालन में नियमों का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। सेंधवा हादसे के बाद लंबी दूरी की बसों में दो दरवाजे वाले नियम को लागू किया गया था। लेकिन उसका भी पालन नहीं हो रहा है। अधिकतर लक्झरी बसों में केवल आगे की और एक ही दरवाजा है।
जिन बसों परमिट बने हैं वे बसें संचालित कर सकते है
जिन यात्री बसों के परमिट बने हुए हैं वे ही बसें चेक पोस्ट पर टैक्स अदा कर अपनी बसें संचालित कर सकते है। अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
-एमके पारिया, परमिट शाखा प्रभारी, परिवहन विभाग, झाबुआ
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