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कोरोना के शुरूआती दौर में दूसरे विभागों की तरह इंकम टैक्स विभाग का कामकाज भी प्रभावित रहा। लेकिन इस दौरान हमने एक ऐसी कार्रवाई को अंजाम दिया जिससे मप्र और छग में करोड़ों की 80 ऐसी बेनामी सम्पत्तियों का पता चला जो बीपीएल कार्डधारकों के नाम पर खरीदी गईं थीं।
इनमें से 20 बेनामी सम्पत्तियाँ जबलपुर रेंज की हैं। जिन्हें आयकर विभाग ने फिलहाल अपने कब्जे में लेकर विस्तृत छानबीन जारी रखी है। ये जानकारी मप्र-छग के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त आरके पालीवाल ने पत्रवार्ता के दौरान दी। इस दौरान उन्होंने आयकर विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के संबंध में आयकर अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली, जिसमें जरूरी िदशा-निर्देश भी जारी किए।
बैठक में प्रिंसिपल कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार, प्रिंसिपल कमिश्नर आरईएसी नासिर अली खान, एडी. कमिश्नर श्रीकांत नामदेव, स्वाति अग्रवाल, ज्वाइंट कमिश्नर सागर और मुनमुन शर्मा मौजूद रहे। पाँच मिनट में सुलझाए पचास साल पुराने विवाद- श्री पालीवाल ने बताया कि विवाद से विश्वास योजना के जरिए देश भर में आयकर से जुड़े सालों पुराने विवाद निपटे हैं।
लेकिन कुछ प्रमुख मामलों में जबलपुर रेंज के कई ऐसे मामलों का निपटारा पाँच मिनट में सुलझाया गया जो पचास साल से उलझे हुए थे। फेसलैस असेसमेंट योजना पर मुख्य फोकस- श्री पालीवाल ने बताया कि करदाताओं की सुविधा और आयकर से जुड़े मामलों में पारदर्शिता के लिए हमारा फोकस फेसलेस असेसमेंट योजना के बढ़ावे पर है।
ऑनलाइन इस योजना के जरिए कोई भी करदाता अपनी समस्याओं का समाधान दिल्ली स्थित आयकर हेडक्वाटर में कर सकेगा। जिनके प्रकरण मुख्यालय से देश के किसी भी कमिश्नरी मुख्यालय में भेज दिए जाएँगे। योजना को साइबर फ्राॅड से बचाने के लिए इंडिपेंडेंट सर्वर तैयार किया गया है, जिसका उपयोग अधिकृत कर्मचारी ही कर सकते हैं।
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