हर साल गणतंत्र दिवस पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों की घोषणा इस साल के लिए भी कर दी गई है। वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री सम्मान की घोषणा कर दी है। इनमें मध्यप्रदेश के 4 लोगों को पदम श्री सम्मान से नवाजा जाएगा।
गृह मंत्रालय से जारी प्रेस रिपोर्ट के मुताबिक मप्र के जबलपुर में रहने वाले डॉ. मुनीश्वर चंदावर को मेडिसिन के क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिए पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की गई है। वह मेडिसिन विशेषज्ञ हैं और जबलपुर में फिलहाल प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। डॉ. मुनीश्वर चंदावर की ओपीडी में ट्रीटमेंट की फीस 20 रुपए हैं।
दूसरा- उमरिया जिले की 83 वर्षीय आदिवासी महिला जोधइया अम्मा को कला के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की गई है। जोधइया अम्मा ने जिले के लोढ़ा में स्थित जनगण तस्वीर खाना से आदिवासी कला की शुरुआत की। जोधइया के गुरु आशीष स्वामी जो अब इस दुनिया में नहीं है। उनकी इच्छा थी कि अम्मा को पद्मश्री सम्मान मिले। अम्मा आदिवासी कला में लगातार काम कर रही है। उनकी बनाई पेंटिंग विदेशों में भी प्रसिद्ध है। जोधइया अम्मा को पहले नारी शक्ति सम्मान भी मिल चुका है। अम्मा को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति सम्मान प्रदान किया था।
वहीं, झाबुआ के रमेश परमार और शांति परमार को कला के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा। ये गुड़िया बनाते हैं, जो विश्वभर में प्रसिद्ध है।
कभी स्कूल नहीं गईं जोधइया बाई
वहीं, मध्य प्रदेश की बात करें तो उमरिया जिले की आदिवासी महिला जोधइया बाई बैगा को कला के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. बता दें कि जोधइया बाई जी कभी स्कूल नहीं गईं, लेकिन अपनी अद्भुत कला के कारण वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचानी जाती हैं। उनके आदिवासी चित्रों को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी सराहा गया है। उन्होंने आदिवासी कला को एक नया मुकाम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पहले वह जंगल से लकड़ी बीनकर, खाद्य इकट्ठा करके और जंगल में लगने वाले फल फ्रूट (मेवा) बेचने का काम करती थीं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.