MP में 1 साल में तीसरी बार महंगी होगी बिजली:2022-23 के लिए बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिका मंजूर; प्रति यूनिट 58 पैसे बढ़ सकते हैं

जबलपुरएक वर्ष पहले
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एमपी में महंगी बिजली की तैयारी, 8.71 प्रतिशत दर बढ़ाने का प्रस्ताव। - Dainik Bhaskar
एमपी में महंगी बिजली की तैयारी, 8.71 प्रतिशत दर बढ़ाने का प्रस्ताव।

मध्यप्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी है। बिजली कंपनियों की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 8.71% दर बढ़ाने को लेकर दायर याचिका को मप्र राज्य नियामक आयोग ने स्वीकार कर लिया है। अब इस पर आम बिजली उपभोक्ताओं के दावे-आपत्तियों को सुना जाएगा। इसके बाद नियामक आयोग अंतिम निर्णय करेगा। कंपनियों की डिमांड के मुताबिक दरें बढ़ाई गईं तो बिजली उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका लगेगा। प्रति यूनिट 58 पैसे तक बढ़ सकते हैं। बढ़े हुए बिजली बिल पर 12 प्रतिशत सर्विस टैक्स भी लगेगा। यह तीसरा मौका होगा जब प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाई जाएंगी।

प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियों (पूर्व, मध्य और पश्चिम) की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 48 हजार 874 करोड़ रुपए की जरूरत बताई गई है। इसमें सबसे अधिक 19 हजार 428 करोड़ रुपए पश्चिम क्षेत्र कंपनी खर्च करेगी। वहीं, सबसे कम खर्च पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी करेगी। जबकि इस कंपनी के कार्यक्षेत्र में 20 जिले शामिल हैं। कंपनी की ओर से दावा किया गया है कि उसे इस जरूरत के मुकाबले मौजूदा बिजली दर पर 3915 करोड़ रुपए कम प्राप्त होंगे। इसकी भरपाई करने के लिए उसे बिजली की दरों में 8.71 प्रतिशत बढ़ाना होगा।

प्रति यूनिट 28 से 58 पैसे बढ़ेंगी दरें
बिजली मामलों के जानकारी रिटायर इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल के मुताबिक अभी कंपनी की टैरिफ याचिका सामने नहीं आई है। इसी के बाद तय होगा कि उसने किस श्रेणी में कितनी बढ़ोतरी की है। औसतन 8.71 प्रतिशत को सभी श्रेणियों में समान रूप से मानें तो प्रति यूनिट 28 पैसे से 58 पैसे की बढ़ोतरी हो जाएगी।

इस तरह से बढ़ेगा बिजली बिल

  • 30 यूनिट तक खपत- 3.25 रुपए 28 पैसे
  • 50 यूनिट तक खपत- 4.13 रुपए 35 पैसे
  • 51 से 150 यूनिट खपत- 5.06 रुपए 44 पैसे
  • 151 से 300 यूनिट तक- 6.45 रुपए 56 पैसे
  • 300 यूनिट से अधिक- 6.65 रुपए 58 पैसे

(ये रेट प्रति यूनिट हैं।)

14 को हुई थी प्रारंभिक सुनवाई

बिजली कंपनियों की ओर से टैरिफ याचिका 01 दिसंबर को दायर की गई थी। इस पर 14 दिसंबर को प्रारंभिक सुनवाई हुई। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने सुनवाई में याचिका के पक्ष में जरूरी दस्तावेज पेश किए। 15 दिसंबर को नियामक आयोग ने टैरिफ याचिका स्वीकार कर ली है। अब आयोग की ओर से इसका प्रकाशन कराया जाएगा। फिर आम बिजली उपभोक्ताओं से आपत्तियां आमंत्रित कर तीनों कंपनियों के लोगों को अलग-अलग बात रखने का मौका दिया जाएगा।

यह बढ़ोतरी तीसरी बार

यदि बिजली की दरें बढ़ती हैं तो उपभोक्ताओं एक साल में यह तीसरा झटका होगा। इससे पूर्व 17 दिसंबर 2020 को कंपनी ने बिजली की दरों में 1.98 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। दूसरी बार 30 जून 2021 को 0.69 प्रतिशत दर बढ़ाई गई थी। अब बिजली की दरों में 8.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी की तैयारी है।

बिजली की दर बढ़ाने की बजाए कार्यदक्षता बढ़ाएं

बिजली मामलों के जानकार रिटायर इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल ने बिजली कंपनियों की मनमानी का विरोध किया है। आरोप लगाया कि एमपी में पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे महंगी बिजली दी जा रही है। राज्य सरकार 100 यूनिट तक सब्सिडी देकर उपभोक्ताओं को राहत जरूर दे रही है, लेकिन कंपनी अधिकारियों की मनमानी पर नकेल कसने में विफल है। 8 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी आम उपभोक्ताओं के साथ-साथ उद्योगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगी। कंपनियों को दर बढ़ाने की बजाए अपनी कार्यदक्षता बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

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