जबलपुर में 6वीं से 8वीं के क्लास 18 महीने बाद लगने जा रहे हैं। जिले में एक लाख छात्रों को लगभग 6 हजार शिक्षक पढ़ाएंगे। इसमें 97 प्रतिशत शिक्षकों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। 50% क्षमता के साथ क्लास लगेगी। इसके लिए अभिभावकों को सहमति पत्र देना सोशल ग्रुप में भेजना पड़ेगा। दैनिक भास्कर टीम ने शहर के सरकारी व निजी क्षेत्र के दो स्कूलों की तैयारियों को जानने का प्रयास किया।
मॉडल स्कूल 6वीं से 8वीं के कुल 300 के लगभग बच्चों की सहमति अभिभावक सोशल ग्रुप में दे चुके हैं। यहां सभी 10 टीचरों को पहला वैक्सीन लग चुका है। 50% ही बच्चे पहुंचेंगे। प्रधानाध्यापक उपमा गुप्ता के मुताबिक एक टेबल छोड़कर एक बच्चे को बैठाएंगे।
गेट पर ही सैनिटाइज होकर ही अंदर प्रवेश दिया जाएगा। सभी को मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। अपने टिफिन के साथ पानी का बॉटल भी लाना होगा। हर क्लास के बाद रूम को सैनिटाइज कराने की व्यवस्था की गई है।
तीन हजार छात्राओं में 50% आएंगी
सेंट नार्बट स्कूल में भी तैयारी पूरी कर ली गई है। यहां सिर्फ गर्ल्स की पढ़ाई होती है। सिस्टर यशिका के मुताबिक 3000 छात्राएं हैं। 9वीं से 12वीं की क्लास पहले से संचालित हो रही है। अभी तक कोई परेशानी नहीं आई है। उनके स्कूल के सभी टीचर वैक्सीनेट हो चुके हैं। 50% क्षमता के साथ क्लास चलेगा। एक बेंच पर दो छात्राओं को बीच में गैप करके बैठाया जाएगा।
आंकड़ों में छात्र और शिक्षक
स्कूलों की जांच के लिए बनाई गई है टीम
जिला परियोजना समन्वयक आरपी चतुर्वेदी के मुताबिक सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से लेकर 8वीं तक में 53 हजार 847 तो निजी में 54 हजार 727 छात्र अध्ययनरत हैं। इसमें पहले दिन अभिभावकों की सहमति के आधार पर 50% बच्चों को बुलाया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी के मुताबिक 6 हजार शासकीय शिक्षकों में 5 हजार 490 को पहला डोज वैक्सीन का लग चुका है। वहीं स्कूलों में कोविड गाइडलाइन की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है, जो निरीक्षण करेगी।
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