एमपी में संतरे व आम की अच्छी पैदावार होती है। खेती के साथ बागवानी किसानों की आमदनी बढ़ाने का प्रमुख जरिया है। प्रदेश में आगर, शाजापुर और छिंदवाड़ा को संतरे के लिए जाना जाता है। वहीं रीवा-सतना में आम की अच्छी पैदावार होती है। आम व संतरे में जनवरी और फरवरी के बीच फूल और फल आएंगे। बागवानी से जुड़े किसान को क्या करना चाहिए, जिससे वे संतरे और आम के पौधे से अच्छा उत्पादन ले सकें? भास्कर खेती किसानी सीरीज-5 में एक्सपर्ट डॉ. एसके पांडे (विभागाध्यक्ष, उद्यान शास्त्र, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय) से जानते हैं आम और संतरे की अच्छी फसल लेने का तरीका…
अभी थाला बनाकर दें खाद और करें सिंचाई
संतरे और आम की बागवानी करने वाले किसान भाई अभी से पौधे के चारों ओर थाला बना दें। थाले में सड़ी पत्ती, गोबर की खाद के साथ नाइट्रोजन, पोटाश व फास्फोरस की मात्रा पौधे की उम्र के अनुसार दें। नाइट्रोजन की आधी मात्रा बच लें, इसे मटर के दाने के बराबर फल आने पर देना चाहिए। साथ में कोशिश करें कि खाद के साथ जैविक खाद का भी प्रयोग कर लें और फिर हल्की सिंचाई कर दें। इससे पौधे के जड़ों तक पोषक तत्व पहुंच जाते हैं और फल की वृद्धि और गुणवत्ता अच्छी आती है।
फूल के समय पानी न दें
आम व संतरे दोनों पौधों में जनवरी के लास्ट और फरवरी में फूल आने लगते हैं। उस समय पानी देना बंद कर दें, नहीं तो सारे फूल गिर जाएंगे। जब पौधे में मटर के दाने के बराबर फल आ जाए, तब सिंचाई करनी चाहिए। गर्मी में मिट्टी के अनुसार 8 से 10 दिन के अंतराल पर और ठंड में 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।
आम का फल गिरने से बचाने के लिए यूरिया का करें छिड़काव
आम के शुरूआती फल बहुत गिरते हैं। इसे समय पर नहीं रोका गया तो उत्पादन प्रभावित होता है। किसान भाई दो से चार प्रतिशत यूरिया का छिड़काव पानी के साथ मिलाकर कर दें तो फल गिरने की समस्या काफी हद तक रुक सकती है। इसके बाद भी फल गिरता है तो टू-फोर्टी 10 पीपीएम का घोल बनाकर छिड़काव करें तो फल गिरने की समस्या हल हो सकती है। संतरे में भी फल गिर रहा है, तो ये उपाय कर सकते हैं।
कीट-व्याधि और भभूतियां रोग से बचाव के लिए ये करें
आम और संतरे में फल आने के साथ ही कीट-व्याधि और भभूतियां रोग का कुप्रभाव पड़ने लगता है। इसी समय फल चूसक, पत्ती काटने वाले कीट भी हमला करते हैं। आ जाते हैं। इसे रोकने के लिए किसान भाई सही समय पर कृषि विषेशज्ञों से सलाह लेकर उचित कीटनाशक का प्रयोग करें। उचित सलाह और उचित मात्रा में सेलेक्टेड दवाओं का प्रयोग करें। जिससे फल की वृद्धि और गुणवत्ता बनी रहे।
टपक सिंचाई विधि अपनाए, उसी से खाद व पोषक तत्वों को दें
किसान भाई बागवानी में टपक सिंचाई विधि अपनाए और उसी के माध्यम से बचे हुए उर्वरक को दें। इसका फायदा ये है कि थालों के आसपास खरपतवार नहीं उगेंगे और पूरा पोषक तत्व सिर्फ पौधे को मिलता रहेगा। टपक विधि से पानी का समुचित उपयोग होगा और कम पानी में अधिक उत्पादन संभव होगा।
संतरे में फूल आने पर न करें सिंचाई।
संतरे में इस तरह के रोग लगते हैं
आम के प्रमुख रोगों का ये है इलाज
भास्कर खेती-किसानी एक्सपर्ट सीरिज में अगली स्टोरी होगी जैविक खाद से कैसे किसान अच्छी पैदावार लेने के साथ ही अच्छी कीमत भी प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपका कोई सवाल हो तो इस नंबर 9406575355 वॉट्सऐप पर सकते हैं।
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