बंटी-बबली बनकर शादी कराने और फिर 1.18 लाख की ठगी करने वाले दंपती को जबलपुर पुलिस ने दबोच लिया। मामले में 4 आरोपियों को पहले ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। दंपती ठगी करने के लिए आपस में भाई-बहन बन गए थे। दोनों से पूछताछ जारी है।
लार्डगंज टीआई प्रफुल्ल श्रीवास्तव के मुताबिक 11 जुलाई को सुनवानी खुर्द पन्ना निवासी जयप्रकाश तिवारी ने शादी कराने के नाम पर लूट करने वाले गिरोह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जयप्रकाश ने पुलिस को बताया था कि उसकी शादी नहीं हो रही थी। उसने रिश्तेदार से चर्चा की, तो उसे घाट पिपरिया दमोह निवासी रवि दुबे का नंबर मिला। रवि के माध्यम से उसकी जबलपुर की रजनी तिवारी का नंबर मिला। रजनी के कहे अनुसार जयप्रकाश ने पड़ोसी श्यामकांत प्यासी के मोबाइल से फोटो भेजी। उधर से रजनी ने तीन लड़कियों की फोटो भेजी।
दंपती पीड़ितों से भाई-बहन बनकर मिले थे
जयप्रकाश ने अंजलि तिवारी नाम की युवती को पसंद किया था। 8 जुलाई को रजनी के बुलाने पर जयप्रकाश पड़ोसी श्यामकांत प्यासी, चाचा रामहेत तिवारी, रामकिशोर तिवारी व बुआ के लड़के ओमप्रकाश चनपुरिया के साथ जबलपुर आया। गोलबाजार में रजनी और अंजलि नाम की युवती मिली। गोलबाजार में ही जयप्रकाश ने वाहन पार्क कर दिया। वहां से सभी ऑटो के साथ कोर्ट पहुंचे। अंजलि के साथ विकास नाम का युवक भी आया था, जिसका परिचय रजनी ने उसके भाई के तौर पर कराया था।
8 हजार रुपए लिए, स्टाम्प पर दस्तखत कराया और वकील बोला- हो गई कोर्ट मैरिज
कोर्ट में गेट नंबर चार के पास रजनी ने वकील से बात की। जयप्रकाश का आधार कार्ड लेकर वकील को 8 हजार रुपए दिलवाए। एक स्टाम्प पर दस्तखत कराए। वकील बोला- तुम लोगों की शादी हो गई। वहां से ऑटो से सभी गोलबाजार आ गए। रजनी ने कपड़े और जेवर आदि खरीदने के तौर पर जयप्रकाश से पैसे मांगे, तो उसने 1.10 लाख रुपए दिए। रजनी वहां से पैसे लेकर चली गई। अंजलि व विकास वहीं पर थे। इसी दौरान फर्जी क्राइम ब्रांच के चार जवान आए। उन्होंने लड़की को भगा कर ले जाने का आरोप लगाते हुए मारपीट की। धमकी देकर 8500 रुपए छीन लिए।
विवाद के बीच ही फर्जी दुल्हन और कथित भाई हो गए थे फरार
इसी दौरान अंजलि और विकास भाग निकले थे। पैसे और दुल्हन के जाने के बाद पीड़ितों को ठगी का अहसास हुआ तो थाने पहुंचे। लार्डगंज पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुए रजनी तिवारी सहित मोची कुआं गढ़ा फाटक निवासी आशीष तिवारी, उसके मित्र विपिन जैन, सुनील ठाकुर को दबोचा। गिरफ्तारी के बाद पता चला कि रजनी तिवारी का असली नाम ज्योति कुशवाहा है। वहीं अंजलि का असली नाम सुमन जैन और उसका भाई बना विकास तिवारी का असली नाम भानु जैन है। सुमन व भानु जैन पति-पत्नी हैं। आरोपियों ने आपस में पैसे बांट लिए थे।
शताब्दीपुरम से दबोचे गए बंटी-बबली
12 जुलाई को ही पुलिस ने ज्योति कुशवाहा, विपिन जैन, सुनील ठाकुर व आशीष तिवारी को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों से 58 हजार रुपए जब्त हुए थे। तब से दंपती सुमन जैन व भानु जैन फरार चल रहे थे। दोनों की गिरफ्तारी पर पांच-पांच हजार रुपए का इनाम एसपी ने घोषित किया था। लार्डगंज पुलिस ने सुमन जैन और उसके पति भानू उर्फ विवेक जैन को शताब्दीपुरम से दबोच लिया। दोनों से पूछताछ में पता चला कि भानू अपनी पत्नी सुमन को बहन बनाकर शादी का रिश्ता तय करता था और बातचीत के दौरान रुपए लेकर भाग जाते थे।
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