मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में 19 अगस्त 2019 काे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए दो बदमाशों विजय यादव और समीर खान के मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश राज्य सरकार ने कर दी है। दोनों बदमाशों के परिजन शुरू से ही आरोप लगा रहे थे कि ये पुलिस मुठभेड़ नहीं, पकड़ कर हत्या की गई है। जिले के तत्कालीन एएसपी और अब रिटायर हो चुके राजेश तिवारी की भूमिका को लेकर बड़ा सवाल उठाया गया था। मुठभेड़ में ढेर दोनों बदमाश जबलपुर में कांग्रेस नेता राजू मिश्रा और गैंगेस्टर कक्कू पंजाबी हत्याकांड में फरार थे।
परिजनों ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए तत्कालीन एसपी गुरुकरन सिंह, एएसपी राजेश तिवारी, टीआई रहे प्रभात शुक्ला सहित अन्य पर साजिश रचने और मर्डर को एनकाउंटर में तब्दील करने का आरोप लगाया था। परिजनों ने राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, गृह मंत्री, मुख्य न्यायाधीश और सीबीआई को 'एनकाउंटर किलिंग' को लेकर शिकायत की थी। मामले में परिजनों ने धर्म परिवर्तन का एंगल भी बताया था।
राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर सुबह हुई थी मुठभेड़
19 अगस्त 2019 की सुबह मुठभेड़ नरसिंहपुर जिले के सुआताला थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर हुई थी। दावा किया गया था कि तड़के तीन बजे बदमाशों की गोलीबारी में एएसपी राजेश तिवारी, सुआकला थाना प्रभारी प्रभात शुक्ला और एक आरक्षक घायल हो गए थे। तीनों घायल पुलिस कर्मियों को नरसिंहपुर जिला अस्पताल और विजय यादव व समीर खार के शवों को भी पीएम के लिए नरसिंहपुर जिला अस्पताल भेज दिया गया था।
25 हजार का इनाम था विजय यादव पर
जबलपुर के गोरखपुर निवासी विजय यादव और समीर खान सहित अन्य ने कथित तौर पर 2017 में जबलपुर के बल्देवबाग में राजू मिश्रा और कक्कू पंजाबी की हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया था। विजय यादव की गिरफ्तारी पर 25,000 रुपये का इनाम था।
एनकाउंटर की कहानी में कई खामियां
विजय यादव और समीर खान नरसिंहपुर और जबलपुर में रंगदारी के कई मामलों में वांछित थे। दोनों के एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच हुई थी। उसमें पुलिस की थ्यौरी को सही बताया गया था। पर गृह विभाग की रिपोर्ट में इस एनकाउंटर की कहानी में कई खामियां हैं। इसी के बाद इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है।
दोहरे हत्याकांड के दो आरोपी आज भी फरार
चार साल पहले 2017 में बल्देवबाग में कांग्रेस नेता राजू मिश्रा व हिस्ट्रीशीटर कक्कू पंजाबी की सरेआम गोली से भून कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में विजय यादव व समीर के साथ ही गोरखपुर निवासी विनय उर्फ बिन्नू विश्वकर्मा और नटबाबा की गली दीक्षितपुरा कोतवाली निवासी आदेश सोनी भी फरार थे। विजय व समीर जहां मुठभेड़ में ढेर हो गए। वहीं आदेश सोनी और विनय विश्वकर्मा आज भी फरार चल रहे हैं।
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