सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था, तो सीएम हाउस में दो गाय लाया था। वे 45 हो गईं, तो अपने खेत में बने फार्म हाउस में भिजवा दिया। 15 महीने बाद चौथी बार सीएम बना, तो दो गाय फिर लाया था। अब उनकी संख्या पांच हो गई है।
गाय सचमुच में लक्ष्मी है। गौ का एक-एक उत्पाद उपयोगी है। जिस दिन हमारे प्रदेश की गौशालाएं आत्मनिर्भर बन जाएंगी, सड़कों पर आवारा मवेशी नहीं दिखेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान डेढ़ घंटे की देरी से शरद पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को जबलपुर पहुंचे थे।
सीएम भेड़ाघाट से सीधे तिलवाराघाट स्थित दयोदय गौशाला तीर्थ में आचार्य विद्यासागर से आशीर्वाद लेने पहुंचे। इसके बाद वे जीव दया गौ-सेवा सम्मान योजना के तहत आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए। सीएम ने वर्ष 2018-19 और 2019-20 के पुरस्कारों की घोषणा की।
100 बिंदुओं के मानक पर हुआ सर्वश्रेष्ठ गौशालाओं का चयन
मप्र गोपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने बताया कि पुरस्कार के लिए 100 बिंदुओं का मानक तय किया गया है। इसके आधार पर अंक दिए जाते हैं। सर्वाधिक अंक पाने वाले प्रदेश के तीन सर्वश्रेष्ठ गौशालाओं को पुरस्कार दिया जाता है।
इन मानकों में गौशालाओं में गौवंश की संख्या, उनके लिए उपलब्ध व्यवस्थाएं, चारा उत्पादन, पंचगव्य औषधि व अन्य सामग्रियों का उत्पाद, समाज से जुड़ाव व दान एकत्रित करने की क्षमता आदि पर चयन किया जाता है। घायल गौ का इलाज करने वाले संस्थाओं को भी व्यक्तिगत तौर पर पुरस्कृत किया जाता है।
इनको मिला 2018-19 के लिए संस्थागत श्रेणी में पुरस्कार
व्यक्तिगत श्रेणी में पुरस्कार
इनकों मिला 2019-20 के लिए संस्थागत श्रेणी में पुरस्कार
व्यक्तिगत श्रेणी में पुरस्कार
गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
सीएम बोले कि गौ-शालााओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करना होगा। गौ की सेवा मैं स्वयं करता हूं। समाज के सहयोग के बिना एमपी के विशाल पशुधन की सेवा नहीं हो पाएगी। सरकार के स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, पर आम लोगों का सहयोग मिलेगा, तभी उद्देश्य पूरा होगा। गौ का हर उत्पाद उपयोगी है। औषधि के रूप में इसके उत्पाद तैयार कर हम गौ-शालाओं को आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
सीएम 7.30 बजे रवाना हुए पन्ना
सीएम शाम 5.30 बजे जबलपुर पहुंचे। करीब 2 घंटे वे तिलवारा दयोदय में रहे। इसके बाद वे सड़क मार्ग से डुमना पहुंचे और वहां से पन्ना के लिए रवाना हो गए। सीएम सतना जिले के सितपुरा से हैलिकॉप्टर से भेड़ाघाट पहुंचे थे।
230 किमी पैदल चलकर पहुंचा आचार्य विद्यासागर के गांव का जत्था
समारोह में कर्नाटक और महाराष्ट्र से पहुंचे 700 के दल ने 230 किमी नंगे पैर तिलवारा पहुंचे थे। सभी आचार्य विद्यासागर महाराज के जन्मदिवस पर आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। वे 12 अक्टूबर को रायसेन बरेली से जबलपुर के लिए निकले थे। 19 अक्टूबर को उनकी यात्रा पूरी हुई।
इस दल में 300 लोग कर्नाटक के हैं। इसमें 50 महिलाएं और 6 बच्चे भी शामिल हैं। बाल ब्रह्मचारी तात्या भाई की अगुवाई में ये दल रवाना हुआ था। दल में शामिल आचार्य के पैतृक गांव सदलगा निवासी आदिनाथ उदगाव ने बताया कि आचार्य श्री का वे लोग पिछले 5 वर्षों से इसी तरह दर्शन करने जाते हैं।
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