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नर्मदा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए इसके उद् गम स्थल अमरकंटक में पक्के निर्माणों पर रोक लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को अमरकंटक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि नर्मदा को सदानीरा बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि अमरकंटक क्षेत्र में पक्के निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित किया जाए। यहां किसी भी पक्के निर्माण की अनुमति ही न दी जाए।
पक्के शासकीय भवनों का निर्माण भी न हो। सीएम ने यहां पवित्र नगरी में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के अंतर्गत 49.98 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का शिलान्यास व मिनी स्मार्ट सिटी योजना के तहत 8.01 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण भी किया। सीएम ने कहा कि नर्मदा कल-कल कर बहती रहे, इसके लिए जंगल और मैदान को बचाना जरूरी है। इस नेक कार्य में सभी को सहयोग करना चाहिए। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल व पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर भी मौजूद थीं।
सोनमूड़ा, कपिलधारा जल प्रपात में कांच पुल का प्रस्ताव
कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने विदेशों की तर्ज पर सोनमूड़ा और कपिलधारा जलप्रपात में कांच का पुल बनाए जाने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि इस तरह के पुल के निर्माण से सैलानी नर्मदा की वादियों का पूरा सौंदर्य अच्छे से देख सकेंगे। इस पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि यह योजना राज्य शासन के माध्यम से हम तक भेजें, हम उसे पूरा करेंगे।
ध्यान कुटी बनेगी सीएम ने कहा कि नर्मदा के
उद् गम स्थल में बड़ा सुकून है। यहां जंगल में ध्यान कुटी बनाई जाएंगी। इनमें लोग आध्यात्मिक साधना कर सकेंगे। उन्होंने स्वागत में माला पहनने से इंकार कर दिया। सीएम ने कहा कि यहां केवल मां नर्मदा का वंदन और सम्मान ही उचित है। उन्होंने कहा कि आश्रमों से भी इस संबंध में बात की जाए कि वहां से निकलने वाला निस्तारी पानी नर्मदा में न मिले। उन्होंने कटाक्ष किया कि लोग बात मानें तो ठीक... नहीं तो प्रदेश में तोड़फोड़ भी जारी है।
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