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जबलपुर में मगरमच्छ का रेस्क्यू:मुर्गे को चारा बनाकर पिंजरे में फंसाया, एक महीने से भेड़ाघाट के कुंड में दिख रहा था

जबलपुरएक वर्ष पहले
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एक माह से आंख मिचौली खेल रहा मगरमच्छ पिंजरे में हुअ कैद। - Dainik Bhaskar
एक माह से आंख मिचौली खेल रहा मगरमच्छ पिंजरे में हुअ कैद।

भेड़ाघाट-पंचवटी से लगे एक कुंड में बीते एक माह से आंख मिचौली खेल रहे मगरमच्छ आखिरकार वन विभाग के पिंजरे में आज शनिवार 27 नवंबर को कैद हो गया। वन विभाग ने उसे पिंजरे में फंसाने के लिए चारे के तौर पर मुर्गा लटका कर रखा था। सुबह नाविकों ने पिंजरे में मगरमच्छ को फंसा देख वन विभाग की रेस्क्यू टीम को सूचना दी।

सर्प विशेषज्ञ धनंजय और वन विभाग की टीम नाविकों से सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। वन विभाग की रेस्क्यू टीम पिंजरे सहित मगरमच्छ को लेकर वहां से परियट के लिए रवाना हुई। परियट मगरमच्छों का प्राकृतिक रहवास है। वहां बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं। दरअसल ये मगरमच्छ भेड़ाघाट में आने वाले पयर्टकों के लिए खतरा बन गया था। आशंका थी कि कोई पयर्टक उसका शिकार न बन जाए। अक्सर मगरमच्छ धूप सेंकने निकलता था और वन विभाग की रेस्क्यू टीम को देखते ही पंचवटी के कुंड में चला जाता था।

धूप में मगरमच्छ को बैठे हुए कई बार देखा गया था।
धूप में मगरमच्छ को बैठे हुए कई बार देखा गया था।

वन्य प्रेमियों में नाराजगी

मगरमच्छ को पंचवटी से रेस्क्यू किए जाने को लेकर वन विभाग की कार्रवाई पर वन्य प्राणी प्रेमी सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि मगरमच्छ तो अपने प्राकृतिक निवास में है तो फिर वन विभाग उसका रेस्क्यू कर कहां ले जाना चाहता है। वन्य प्राणी प्रेमियों का कहना है देश में अनेक ऐसी नदियां है जिसमें मगरमच्छ रहते हैं और वे पर्यटक स्थल भी है।

इस तरह रॉक पर आकर धूप सेंकता था मगरमच्छ।
इस तरह रॉक पर आकर धूप सेंकता था मगरमच्छ।

वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के विपरीत है

फिर भेड़ाघाट से मगरमच्छ का रेस्क्यू कर परियट में शिफ्ट करना वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के विपरीत हैं। प्रशासन को सिर्फ सुरक्षित नौकायन की व्यवस्था करने की व्यवस्था करनी थी। वैसे भी पंचवटी में नौका चलाने वाले नाविक वर्षो से पर्यटकों को इस बात को लेकर जागरूक करते आएं है कि वे किसी भी सूरत में पानी में हाथ न डाले, वहां मगरमच्छ रहता है। अर्से बाद मगरमच्छ दिखा भी तो उसे रेस्क्यू कर परियट में शिफ्ट किया जा रहा है।

मोहन जोदड़ो फिल्म में दिखा चुके हैं मगरमच्छ से संघर्ष।
मोहन जोदड़ो फिल्म में दिखा चुके हैं मगरमच्छ से संघर्ष।

मोहन जोदड़ो फिल्म में दिखा चुके हैं मगरमच्छ से संघर्ष

मोहन जोदड़ो फिल्म में भी मगरमच्छ से अभिनेता ऋतिक रोशन के संघर्ष को दिखा चुके हैं। स्थानीय गाइड का कहना है कि मगरमच्छ से किसी पर्यटक को खतरा नहीं था। वह तो कुंड में रहता था। इंसान को देखकर वह खुद गहराई में चला जाता था। मगरमच्छ से संगरमरम को नुकसान पहुंचाने वाले जरूर डर गए थे।