गेहूं-धान की तरह चने की फसल भी हार्वेस्टर से काटने की सुविधा हो तो कितनी अच्छी हो जाए। किसान भी यही सोचते होंगे, लेकिन मजबूरी ये कि चने का पौधा आकार में छोटा और फलियां नीचे की ओर लटक कर फलती हैं। लेकिन, अब जबलपुर के जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKV) के वैज्ञानिकों ने ये कमाल कर दिखाया है। उन्होंने चने के बीज की ऐसी प्रजाति JG-24 विकसित की है, जिसका पौधा गेहूं-धान की तरह 65 से 70 सेमी ऊंचाई का होता है।
JNKV में चना परियोजना की मुख्य वैज्ञानिक अनीता बब्बर के मुताबिक ये प्रजाति 2020 में विकसित की गई थी। इस बार इसका बीज JNKV द्वारा तैयार किया जा रहा है। अगले वर्ष आम किसानों को इसका बीज मिलेगा।
हार्वेस्टर से हो सकेगी कटाई
मुख्य वैज्ञानिक अनीता बब्बर ने दैनिक भास्कर को बताया कि इस चने की खासियत ये है कि इसके पौधे धान-गेहूं की तरह 65 से 70 सेमी ऊंचाई वाले होते हैं। इसकी फली ऊपर की ओर लगती है। दानों का आकार भी बड़ा होता है। तना इतना मजबूत होगा कि फली अधिक लगने पर भी गिरेगा नहीं। इसे आसानी से हार्वेस्टर से किसान काट सकेंगे। एमपी चने के उत्पादन में नंबर वन है। ये प्रजाति किसानों का समय और श्रम दोनों बचाएंगे। कम्बाई से चना गिरेगा नहीं। इसका बीज अगले साल उपलब्ध होगा।
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