राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) जबलपुर ने स्कोडा कार शोरूम के संचालकों के खिलाफ विशेष कोर्ट में चालान पेश कर दिया। चालान में इस बात की पुष्टि की गई है कि संचालकों ने 42 वाहनों के डबल इनवाइस बनाकर शासन को 19 लाख रुपए की चपत लगाई है। चालान में स्कोड इंडिया के भोपाल और इंदौर के डीलरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है। इस संबंध में विवेचना जारी है।
ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत के मुताबिक वर्ष 2019 में सागर ऑटोटेक प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी के संचालकों पर धोखाधड़ी और फर्जी इनवाइस तैयार करने का प्रकरण दर्ज हुआ था। मामले में साजिश रचने की धारा भी लगी थी। विवेचना के दौरान यह सामने आया कि स्कोडा कार बेचने वाली एजेंसी सागर ऑटोटेक प्रा. लि. ने वर्ष 2018-19 में कुल 42 वाहन बेचे हैं।
टैक्स बचाने का खेल
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि एजेंसी ने शासन को चपत लगाने के लिए दो तरह के इनवाइस तैयार कराए थे। एजेंसी से ही वाहनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के बाद संचालकों ने ये खेल किया। ग्राहकों को महंगी कीमत पर वाहन बेचने वाले एजेंसी संचालकों ने परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन के लिए कम कीमत का दूसरा इनवाइजस जारी कर दिया। प्रारंभिक आंकलन में 19 लाख रुपए टैक्स चोरी का मामला ईओडब्ल्यू ने पकड़ा था। जबकि ग्राहकों से आरोपियों ने 50 लाख रुपए से अतिरिक्त लिए थे।
दंपती सहित कई आरोपी
ईओडब्ल्यू ने इस मामले में एजेंसी के संचालक प्रतीक जैन, उसकी पत्नी मीनल जैन, तत्कालीन वाइस प्रेसीडेंट अशोक ठाकुर के खिलाफ अपराधिक षड्यंत्र रचने, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और साजिश रचने का प्रकरण दर्ज करते हुए जांच में लिया था। विवेचना पूरी होने के बाद शुक्रवार को ईओडब्ल्यू ने न्यायालय में चालान पेश किया।
इन शिकायतों के बाद हुई थी कार्रवाई
शहडोल निवासी शुभम अरोरा ने 36.34 लाख की कार खरीदी। एजेंसी ने परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन के दौरान कार की कीमत 27 लाख रुपए दर्शाते हुए इनवॉइस भेजा। शिकायत पर परिवहन विभाग ने भी कार्रवाई नहीं की। जबकि उसे 84 हजार रुपए टैक्स की चपत लगी थी। इसी तरह गोटेगांव के राहुल राज जैन, गढ़ा निवासी रोहित तिवारी भी दो इनवाइस के शिकार बने थे। पीड़ितों ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की। तब मामला सामने आया।
परिवहन विभाग की भूमिका भी संदिग्ध
कार शोरूम के संचालक के साथ ही इस फर्जीवाड़े में परिवहन विभाग की संलिप्पता भी साबित हो रही है। परिवहन विभाग द्वारा दो इनवाइस की शिकायत किए जाने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ईओडब्ल्यू ने परिवहन विभाग की भूमिका को भी चालान में रेखांकित किया है। ईओडब्ल्यू ने इसी के साथ भोपाल व इंदौर के स्कोडा शो-रूम संचालकों की भूमिका भी संदिग्ध बताते हुए जांच जारी रहने की बात कोर्ट में कही है।
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