नोटरी बनाने वाले तीन आरोपियों ने जबलपुर में सहायक आयकर आयुक्त के साथ ही फर्जीवाड़ा कर दिया। दरअसल, सहायक आयकर आयुक्त के खिलाफ पत्नी ने घरेलू हिंसा का केस लगा रखा है। मामले में उन्हें अपनी आय, संसाधनों और जिम्मेदारियों के बावत शपथ पत्र पर जानकारी देनी थी। आरोपियों ने फर्जी नोटरी पत्र जारी कर दिया। पत्नी के वकील ने कोर्ट में इसे मुद्दा बनाया, तब इसका खुलासा हुआ। सहायक आयकर आयुक्त ने प्रकरण में कोतवाली थाने में फर्जीवाड़े का केस दर्ज कराया है।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक गांधीगंज निवासी प्रियंक जैन वर्तमान में मुंबई स्थित अंतर्राष्ट्रीय कराधन सर्किल-2 में सहायक आयकर आयुक्त हैं। लखनऊ निवासी उनकी पत्नी तन्वी जैन ने घरेलू हिंसा का केस लखनऊ कोर्ट में लगा रखा है। वहां कोर्ट में प्रियंक जैन को शपथ पत्र पर अपनी आय, संसाधन और जिम्मेदारियों की जानकारी देनी थी।
28 अगस्त को बल्देवबाग से बनवाई शपथ पत्र
प्रियंक जैन के मुताबिक उन्होंने 28 अगस्त को बल्देवबाग स्थित आरएस ऑनलाइन से शपथ पत्र बनवाया था। यहां प्रोपराइटर सुमित जैन ने स्टाम्प पेपर उपलब्ध कराया था। सुमित की माता ममता जैन इसके लिए अधिकृत हैं। सुमित ने नोटरी के लिए आरएस ऑनलाइन के कार्यालय में बैठने वाले आनंद मोहन चौधरी से परिचय कराया। सभी लोगों का नोटरी का काम आनंद मोहन चौधरी ही करते हैं।
उस दिन भी आनंद मोहन चौधरी ने ही स्टाम्प पेपर पर नोटिस टिकट लगाई थी। तारीख, नाम और नोटरी की मुहर लगाई थी। एक रजिस्टर में हस्ताक्षर भी कराए थे। दो सितंबर को ये शपथ पत्र आरोपियों ने सहायक आयकर आयुक्त प्रियंक जैन को उपलब्ध कराई थी, जिसे उन्होंने लखनऊ न्यायालय में जमा कर दिया।
लखनऊ में लगा फर्जीवाड़े का पता
29 अक्टूबर 2021 को लखनऊ में उनकी पत्नी तन्वी के अधिवक्ता द्वारा सहायक आयकर आयुक्त प्रियंक जैन के नोटरी की वैधानिकता को ही चैलेंज कर दिया। वहां दावा किया कि आनंद मोहन चौधरी ने साफ किया है कि 28 अगस्त को उन्होंने प्रियंक जैन के शपथ पत्र की नोटरी नहीं की थी। आनंद मोहन चौधरी ने प्रियंक के खिलाफ ओमती थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई है। इस पर प्रियंक ने अपने बड़े भाई डॉक्टर मयंक जैन को आरएस ऑनलाइन कार्यालय बल्देवबाग भेजा। तब सच्चाई पता चली कि उनके साथ फर्जीवाड़ा हुआ है।
नोटरी करने वाला प्रतीक जैन निकला
डॉक्टर मयंक जैन भाई के कहे अनुसार आरएस ऑनलाइन कार्यालय पहुंचे, तो पता चला कि नोटरी करने वाले का नाम प्रतीक जैन है। वह आनंद मोहन चौधरी के नाम से नोटरी करता था। इसके एवज में वह आनंद मोहन चौधरी को 10 हजार रुपए महीने देता है। इस कारण प्रतीक जैन को आनंद मोहन सील, मोहर, नाम इस्तेमाल करने देता है। जबलपुर लौटकर प्रियंक जैन ने कोतवाली थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आनंद मोहन चौधरी, प्रतीक जैन और आरएस ऑनलाइन के प्रोपराइटर सुमित जैन के खिलाफ फर्जीवाड़ा, कूट रचना का प्रकरण दर्ज आरोपियाें की तलाश की जा रही है।
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