जबलपुर में पिटाई का वीडियो सामने आया है। चोरी कबूल कराने के लिए चार लोगों को तीन दिन तक बंधक बनाकर पीटा गया और करंट भी लगाया गया। मारपीट के आरोपियों ने वीडियो भी बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस सक्रिय हुई और आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। आरोपियों को पीड़ितों पर शक था कि उन्होंने दुकान से चोरी की है।
दरअसल, जबलपुर के गोरखपुर क्षेत्र स्थित मांडवा बस्ती निवासी सहाना बेगम की मोबाइल और अन्य सामग्री की दुकान है, जिसमें पिछले दिनों चोरी हुई थी। शक में सहाना बेगम अपने गुर्गों की मदद से मांडवा बस्ती निवासी दुर्गेश ठाकुर, नितिन ठाकुर, हर्षित गुप्ता और अंजू कुमरे को 29 अक्टूबर को घर से उठा ले गई और टेंडर-2 मांडवा रामपुर स्थित अपने घर में बंधक बना लिया। तीन दिन तक आरोपी चारों लोगों की पिटाई करते रहे। चोरी का गुनाह कबूल कराने के लिए आरोपियों ने बेरहमी से चारों लोगों की पिटाई की और करंट भी लगाया, लेकिन चारों लोग चोरी से इनकार करते रहे।
परिजन ने स्थानीय नेता से लगाई गुहार
उधर, चारों पीड़ितों के परिजन का कहना है कि चोरी के आरोप के बाद वे डर गए थे, इसलिए पुलिस के पास न जाकर शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष ठाडेश्वर महावर के पास पहुंचे और बताया कि तीन दिन पहले सहाना बेगम उनके घर के सदस्यों को उठाकर ले गई है। इसके बाद ठाडेश्वर महावर सहाना के घर पहुंचे और बंधक बनाए गए चारों लोगों को मुक्त कराया।
थाने में नहीं हुई सुनवाई
ठाडेश्वर महावर के साथ चारों मारपीट की शिकायत लेकर गोरखुपर थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने शिकायत नहीं दर्ज की। इसके बाद वे मुख्यालय DSP तुषार सिंह से मिले। SP के नाम का ज्ञापन सौंपा। वहां से गोरखपुर TI को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। उधर, वीडियो वायरल होने के बाद जब अधिकारियों ने TI को फटकार लगाई तो आनन-फानन में सहाना बेगम, उसके गुर्गे सागर, तौफिक, सनी, मुन्ना, राहुल काला, अविनाश आदि के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। उधर, मामले की जानकारी के बाद कुछ हिंदू संगठन के लोगों ने भी मामले में कार्रवाई की मांग की है।
EOW क्वार्टर में जमा लिया है कब्जा
सहाना बेगम पर आरोप है कि उसने मांडवा बस्ती में नगर निगम द्वारा निर्मित कराए गए EOW मकान में जबरन कब्जा कर लिया है। इसी तरह का कब्जा उसने हाईकोर्ट के एक कर्मचारी की दुकान पर कर लिया था। उसे खाली कराने के लिए कोर्ट की शरण लेनी पड़ी थी। तब से उसके दुकान की सामग्री नगर निगम की जमीन पर बोरिंग के पास ओपन में रखा जा रहा है। वहीं से वह दुकानदारी चला रही है।
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