नकली इंजेक्शन मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के बड़े बेटे हरकरण सिंह मोखा को एसआईटी की टीम ने सोमवार को नाटकीय अंदाज में दबोच लिया। उसकी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगी थी। उसे कोर्ट के बाहर ही एसआईटी ने दबोच लिया। हरकरण सिंह से जहां पिता सरबजीत मोखा के मोबाइल की जानकारी मिलेगी। वहीं उसके द्वारा दोस्त से लिए गए दस्तावेज के बारे में जानकारी मिलेगी। उधर, केंद्रीय जेल में बंद पिता सरबजीत मोखा की कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी है। अब एसआईटी उसे भी रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी है।
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक मोखा के बेटे हरकरण के बारे में सूचना मिली थी कि वह लग्जरी वाहन एमपी 20 WA 0054 से कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचने वाला है। एसआईटी ने इस वाहन को लेकर जिले भर में नाकाबंदी कर दी। दोपहर पौने चार बजे के लगभग दूसरे कार एमपी 20 CF 5957 में सवार होकर हरकरण कोर्ट गेट के पास उतरा।
वहां से उसने कोर्ट तक पहुंचने के लिए दौड़ लगा दी। एसआईटी में शामिल क्राइम ब्रांच की टीम पहले से कोर्ट परिसर में पहुंच चुकी थी। उसने हरकरण को दबोच लिया। उसे लेकर टीम गोपनीय स्थाल पर चली गई। मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
हरकरण को लेकर एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें कार से उतरते ही हरकरण को दौड़ने के लिए बोला जा रहा है। साथ में एसआईटी की टीम भी दौड़ रही है। दौड़ने के लिए एसआईटी वाले बोल रहे हैं या कोई और ये स्पष्ट नहीं हो पाया है।
इससे पहले एसआईटी ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर निवासी एवं इंदौर में एमआर रहे राकेश शर्मा की कार को जब्त किया। इसी कार में बैठकर इंदौर में उसका रीवा निवासी सुनील मिश्रा और गुजरात के दोनों व्यापारियों से सौदा हुआ था।
35 इंजेक्शन फेंकने का रिक्रिएशन कराया
एसआईटी ने सुनील के साथ रविवार को तिलवारा नर्मदा पुल पर पहुंच कर 35 इंजेक्शन फेंकने की रिक्रिएशन करा चुकी है। टीम इस रूट के सीसीटीवी फुटेज भी जब्त करने की तैयारी में जुटी है। सुनील मिला ने इंजेक्शन फेंकने की तारीख को लेकर दो तरह के बयान दिए। पहले बयान में उसने 6 मई की तारीख बताई थी, लेकिन एसआईटी ने उनके मोबाइल का रूट लोकेशन निकलवाया तो वह 4 मई का निकला। बाद में सुनील मिश्रा ने भी यहीं तारीख बताई।
पहली गिरफ्तारी सपन की 6 मई की देर रात हुई थी
सिटी अस्पताल में दवा सप्लाई करने वाला और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में आरोपी अधारताल आशा नगर निवासी सपन जैन के साथ दो पहिया वाहन से जाकर उसने तिलवारा में इंजेक्शन फेंक दिए थे। दोनों को डर था कि गुजरात में एक मई को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण का भंडाफोड़ होने के बाद वहां की पुलिस कभी भी जबलपुर धमक सकती है। उनका डर वाजिब था। 6 मई की देर रात ही गुजरात पुलिस ने सपन को गिरफ्तार कर लिया। इसी के बाद सिटी अस्पताल के कारनामों की पोल खुली थी।
इंदौर में ही हुआ था नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का सौदा
राकेश शर्मा इंदौर में एमआर है। यहां उसका खुद का फ्लैट भी है। सपन ने उसी के माध्यम से गुजरात के नकली इंजेक्शन बनाने वाले फार्मा संचालक पुनीत शाह व कौशल बोहरा से 500 इंजेक्शन का सौदा किया था। इसमें मध्यस्थता रीवा निवासी सुनील मिश्रा ने निभाई थी। सुनील भी दवा के व्यवसाय से जुड़ा है। ये पूरी बातचीत राकेश की कार में हुई थी। डिलीवरी भी उसे कार में मिली थी। इसके बाद उसने कार से उसे अम्बे ट्रैवल्स तक पहुंचाया था।
सपन की रिमांड पर जब्त होगी स्कूटी
चार मई को राकेश ने सपन के साथ इंजेक्शन फेंकने तिलवारा गया था। अब सपन को प्रोडक्शन वारंट पर गुजरात की पुलिस द्वारा लाए जाने पर एसआईटी उसकी वारदात में प्रयुक्त दो पहिया वाहन जब्त करेगी। एसआईटी ने राकेश से भी दो मोबाइल जब्त किए हैं।
इससे पूर्व सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की खास राजदार मैनेजर सोनिया खत्री से दो, उसकी पत्नी जसमीत कौर मोखा और अस्पताल के दवा कर्मी देवेश चौरसिया से एक-एक मोबाइल जब्त किए थे। सभी छह मोबाइल का डाटा रिकवर करने एसआईटी ने भोपाल भेजा है।
राकेश को भेजा गया जेल
एसआईटी ने राकेश शर्मा को पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार किया। उसे सोमवार को मुलाहिजा के बाद विक्टोरिया जिला अस्पताल से कोर्ट में पेश किया गया। यहां से कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। एसआईटी सपन के आने के बाद उसे रिमांड पर क्रास पूछताछ में लेगी। उधर, मोखा के फरार चल रहे बेटे हरकरण सिंह की तलाश में एसआईटी की टीम दबिश पर दबिश दे रही है।
नकली इंजेक्शन के पीड़ितों का बयान दर्ज
एसआईटी की दो टीम सोमवार का नकली इंजेक्शन लगवाने वाले कोरोना पीड़ित परिजनों का बयान दर्ज करने के लिए निकली है। एक टीम दमोह व सागर के दो मरीजों के बयान लेगी। वहीं दूसरी टीम सिवनी व छिंदवाड़ा जाएगी। मरीजों से बातचीत के बाद टीम ये पता लगाने में जुटी है कि नकली इंजेक्शन लगाने के बाद उन्हें क्या परेशानी हुई थी। वहीं इलाज के दौरान उनका कुल कितना बिल बना था।
नर्सिंग होम एसोसिएशन की सदस्यता से सिटी अस्पताल बाहर
जबलपुर नर्सिंग होम एसोसिएशन की एक आपात बैठक अध्यक्ष डॉक्टर जितेंद्र जामदार की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में सभी अस्पताल सदस्य संचालकों ने निर्णय लिया कि नकली इंजेक्शन मामले में फंसे सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा को सदस्यता से बाहर किया जाए। सिटी अस्पताल में सभी तरह के मरीजों की भर्ती पर पहले ही रोक लग चुकी है
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