जबलपुर में ASP के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। ASP बनकर जालसाज ने पनागर थाने के लैंडलाइन पर कॉल किया। प्रधान आरक्षक को बोलकर एक सिपाही को पेट्रोल पंप भिजवाया। वहां संचालक से बात कर बताए गए खाते में RTGS के माध्यम से 49 हजार रुपए ट्रांसफर करा लिए। मामले का खुलासा हुआ, तो हड़कंप मच गया। अब पनागर पुलिस धोखाधड़ी और आईटी एक्ट का प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही है।
पनागर पुलिस के मुताबिक बुधवार को थाने के लैंडलाइन पर कॉल आया। कॉल प्रधान आरक्षक सुरेश द्विवेदी ने रिसीव किया। फोन जालसाज का था। उसने खुद का परिचय ASP के तौर पर दिया। बोला कि थाने में और कौन है। उस समय आरक्षक रूपेश सहारे मौजूद था। जालसाज रूपेश से बोला- पेट्रोल पंप संचालक से बात कराओ। रूपेश एक अन्य आरक्षक नरेंद्र पाटिल के साथ पेट्रोल पंप पहुंचा। जालसाज के बताए गए नंबर पर ASP बनकर कॉल किया।
ट्रू-कॉलर में भी ASP दर्शा रहा था
ट्रू-काॅलर में भी ASP दर्शा रहा था। जालसाज को सिपाहियाें ने अफसर समझ पेट्रोल पंप संचालक विनोवा भावे वार्ड निवासी प्रवीण मिश्रा से बात कराई। जालसाज ने प्रवीण को एक बैंक का खाता नंबर दिया। कहा कि इसमें 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर दो। पहले तो पेट्रोल पंप संचालक ने टालमटोल दिखाई, पर कॉन्स्टेबल काे देखकर वह भी झांसे में आ गया। उसने आरटीजीएस के माध्यम से 49 हजार रुपए बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए।
टीआई से पंप संचालक ने किया मामले का जिक्र, तब हुआ खुलासा
रात करीब 9.30 बजे पेट्रोल पंप संचालक ने पनागर टीआई आरके सोनी से घटना का जिक्र किया। टीआई भी चौंक पड़े, एएसपी स्तर कर अधिकारी को काम होगा, तो वह प्रधान आरक्षक या आरक्षक से क्यों बात करेंगे। टीआई ने अपने अधिकारी से जिक्र किया। पता चला कि कॉल किसी अधिकारी ने नहीं, जालसाज का था।
साइबर सेल से नंबर की सर्चिंग
साइबर सेल से जालसाज के नंबर की सर्चिंग कराई गई। पता चला, कॉल अलवर राजस्थान से किया गया था। अधिकारियों के नाम पर फ्रॉड की खबर मिली, तो अधिकारी भी सकते में आ गए। प्रकरण में पेट्रोल पंप संचालक प्रवीण मिश्रा की शिकायत पर धोखाधड़ी और पहचान छुपाकर बात करने पर आईटी एक्ट की धारा के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
अलवर के घनश्याम का निकला बैंक खाता
टीआई आरके सोनी के मुताबिक गुरुवार को बैंक से आरोपी के बताए गए खाते का विवरण निकलवाया गया। खाता अलवर के किसी घनश्याम के नाम पर है। खाते में जैसे ही 49 हजार रुपए ट्रांसफर हुए, उसे तुरंत तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया गया था। संयोग से तीनों बैंक खातों में 20-20 और 15 हजार रुपए मौजूद थे, जिसे पुलिस ने होल्ड करा दिया है।
अलवर जाएगी टीम
टीआई के मुताबिक जल्द ही टीम अलवर मामले की जांच के लिए आईजी जोन की अनुमति लेकर रवाना होगी। टीम बैंक खाते के विवरण और जरूरी दस्तावेज प्राप्त कर आरोपी तक पहुंचने का प्रयास करेगी। जिस तरह जालसाजों ने थाने के लैंडलाइन का प्रयोग अधिकारी बनकर ठगी करने में किया है, वो काफी गंभीर है। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने भी मामले की तह तक जाने के निर्देश दिए हैं। साइबर सेल भी जांच में जुटी है।
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