किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती महंगे रसायनिक खादों के चलते खेती की लागत बढ़ने की रहती है। मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी कृषि यूनिवर्सिटी ने किसानों की इसी समस्या का हल खोजा है जैविक खाद बनाकर। बेहद सस्ते ये जैविक खाद अपनाकर किसान पहले साल ही रासायनिक खादों में 25 प्रतिशत की कटौती करके 15 से 20 प्रतिशत अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
तीन से चार साल में किसान पूरी तरह से रसायनिक खाद से छुटकारा पाकर सिर्फ जैविक खाद से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। भास्कर खेती किसानी सीरीज-6 में आईए जानते हैं एक्सपर्ट डॉ. एनजी मिश्रा (विभागाध्यक्ष एवं बायो फर्टिलाइजर प्रोडक्ट यूनिट इंचार्ज, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय) से जैविक खेती किसान भाई कैसे कृषि लागत को कम कर सकते हैं…
15 तरह के जैविक खाद बनाए हैं
जेएनकेवी ने जवाहर जैव उर्वरक नाम से 15 तरह के बायो फर्टिलाइजर बनाए हैं। इसमें हवा से नाइट्रोजन अवशोषित करने सहित पोटाश, फास्फोरश, जिंक, बीजोपचारित, पत्तियों या गेहूं-धान के अवशेष को गलाने के जैव विघटक शामिल हैं। किसान भाई तीन साल तक इसका प्रयोग करते रहें तो चौथे साल रसायनिक खाद से निजात मिल जाएगी। पहले साल 25 प्रतिशत रसायनिक खादों की कमी कर इसका प्रयोग करें, दूसरे साल 50%, तीसरे साल 75% और चौथे साल पूरी तरह से रसायनिक खाद का उपयोग बंद कर सकते हैं।
किसानों को डबल फायदा
जैविक खाद से फसल उत्पादन के दोहरे लाभ हैं। पहला तो किसान सस्ती और टिकाऊ खेती कर पाएगा। दूसरा उसके उत्पाद जैविक होने की वजह से उसे मुंहमांगी कीमत बाजार में मिलेगी। पहले साल ही किसानों को 15 से 20 प्रतिशत अधिक उत्पाद मिलेगा। जैविक खाद का प्रयोग करके भी किसान रसायनिक खाद के प्रयोग की तुलना में अधिक उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं।
दाे तरह के जैविक खाद बनाए हैं
जेएनकेवी ने दो तरह के जैविक खाद बनाए हैं। पहला पाउडर जैविक खाद और दूसरा तरल जैविक खाद। पाउडर जैविक खाद का उपयोग किसान भाई 6 महीने की अवधि तक कर सकते हैं। वहीं तरल जैविक खाद का उपयोग किसान एक साल तक कर सकते हैं। बस ध्यान इतना देना है कि इसे छाएं में स्टोर करके रखें।
पाउडर जैविक खाद 200 ग्राम के पैकेट में 40 से 50 रुपए में और तरल जैविक खाद एक लीटर मात्रा में 300 रुपए तक की कीमत में आता है। किसानों को इस पर 15% तो एनजीओ या बड़ी मात्रा में खरीदने वाली संस्थाओं को 20% तक डिस्काउंट दिया जाता है।
जैविक खाद उपयोग करने का आसान तरीका है
जवाहर जैविक खाद का उपयोग करना बेहद आसान है। पाउडर से बीच उपचार प्रति 15 ग्राम प्रति किलो की दर से किसान भाई कर सकते हैं। वहीं तीन से चार किलो प्रति एकड़ 50 किलो गोबर, केंचुआ खाद या नम मिट्टी में मिलाकर कर खेत में कर सकते हैं। इसके बाद हल्की सिंचाई करनी होती है।
इसी तरह तरल जैविक खाद की 10 एमएल मात्रा प्रति किलो बीज को गुड़ के साथ घोल तैयार कर उपचारित कर सकते हैं। जबकि खेत में दो लीटर प्रति एकड़ 50 किलो गोबर के खाद में मिक्स कर बिखेर दें। इसके बाद हल्की सिंचाई कर दें। किसान चाहें तो टपक सिंचाई विधि से डेढ़ से दो लीटर तरल जैविक खाद को प्रति एकड़ के हिसाब से 200 से 250 लीटर पानी मिलाकर 10 से 15 दिन बाद टपक सिंचाई के माध्यम से कर सकते हैं।
धान, गेहूं के अवशेष व पत्तियों को सड़ाने का सस्ता उपाय
जवाहर जैव विघटक का प्रयोग कर किसान धान, गेहूं, तम्बाकू, चना, बैंगन, गन्ना, केला, टमाटर, चुकंदर, मिर्ची,आलू, सोयाबीन, प्याज, मटर, सूर्यमुखी, अदरक आदि के अवशेष और पत्तियों को सड़ा कर खाद में तब्दील कर सकते हैं। इसके लिए जवाहर जैव विघटक-1 या दो का किसान प्रयोग कर सकते हैं। किसान चाहे तो पूरे खेत में दो लीटर प्रति एकड़ की दर से जवाहर जैव विघटक को पानी में मिलाकर छिड़काव कर जुताई कर दें। नहीं तो 4 फीट चौड़ा, तीन फीट गहरा और 10 फीट लंबाई का गड्ढा तैयार कर दो से तीन टन कचरे को दो लीटर तरल जैव विघटक की मदद से सड़ा सकते हैं। कचरे को तीन से चार सतह में जमा कर गोबर के घोल के साथ इसका छिड़काव करते जाएं। एक महीने में यह सड़ा देगा।
इस तरह करता है असर
भास्कर खेती-किसानी एक्सपर्ट सीरिज में अगली स्टोरी होगी जैविक खाद से रोजगार के अवसर। आप चाहें तो बायो फर्टिलाइजर बनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आपका कोई सवाल हो तो इस नंबर 9406575355 वॉट्सऐप पर सकते हैं।
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