ईद मिलादुन्नबी पर मुफ्ती-ए-आजम मप्र मौलाना हामिद अहमद सिद्दकी के ऐलान ने प्रशासन की टेंशन बढ़ा दी है। मौलाना जुलूस निकालने की बात पर अड़ गए। गुरुवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित बैठक में अफसरों को चेतावनी दी। एडीएम और एएसपी के सामने मौलाना के बेटे और नायब मुफ्ती-ए-आजम मौलाना मुसाहिद मियां ने दो टूक कहा कि इस बार मुफ्ती-ए-आजम अवाम के साथ हैं। अवाम चाहती है कि इस बार चाहे लाठी चले या गोली, जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाली जाए। शहर की शांति व्यवस्था बिगड़ती है, तो जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक बुधवार शाम हुई थी। बैठक में अपर कलेक्टर राजेश बाथम, एएसपी रोहित काशवानी के सामने मौलाना हामिद अहमद सिद्दीकी और दूसरे प्रतिनिधियों ने कहा कि अब कोरोना की आशंका खत्म हो चुकी है। इसका वीडियो भी सामने आया है।
एक साल से सहयोग कर रहे
सभी त्यौहार मनाए जा रहे हैं। पिछले एक साल से हम शासन-प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। इस बार प्रशासन को सहयोग करते हुए उनकी मांग माननी चाहिए। वीडियो में वह चेतावनी भरे लहजे में ये भी बोलते हुए दिख रहे हैं कि हर बार जनता मौलाना साहब के साथ होती थी। इस बार मौलाना साहब जनता के साथ हैं।
गतिरोध पैदा कर शहर की शांति व्यवस्था न बिगाड़ें
मुस्लिम समाज ने इस बार जुलूस-ए-मोहम्मदी निकालने का निर्णय लिया है। इसका सम्मान होना चाहिए। प्रशासन को गतिरोध नहीं खड़ा करना चाहिए। यदि गतिरोध हुआ और शहर का माहौल खराब हुआ, तो प्रशासन इसका जिम्मेदार होगा।
अब चाहे प्रशासन लाठी चलाए या गोली, हम जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाल कर रहेंगे। लगे हाथ प्रशासन द्वारा धार्मिक आयोजनों में किए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया तो यह भी अहसास किराया कि उन्होंने भी कई कुर्बानियां दी हैं।
एसपी ने राजपत्रित अधिकारियों की बुलाई बैठक
मुस्लिम प्रतिनिधियों की 19 अक्टूबर को होने वाली जुलूस-ए-मोहम्मदी के निर्णय से प्रशासन भी सकते है। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने गुरुवार 14 अक्टूबर को सभी राजपत्रित अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में दुर्गा प्रतिमाओं, विसर्जन घाटों की तैयारियों आदि को लेकर चर्चा की जा रही है। साथ ही, 19 अक्टूबर को जुलूस-ए-मोहम्मदी को लेकर भी चर्चा हुई।
19 को है ईद मिलादुन्नबी
19 अक्टूबर को ईद मिलादुन्नबी है। इस दिन दोपहर 2 बजे आगा चौक से और नया मोहल्ला, बड़ी ओमती, छोटी ओमती, लकड़गंज, फूटाताल, खटीक मोहल्ला सराफा व कोतवाली, अंधेरदेव अंजुमन तक पहुंचता है। दूसरा रजा चौक गोहलपुर से मंसूराबाद, मिलौनीगंज में मिल जाता है। वहां समापन होता है। वहां नमाज पढ़ी जाती है और अमन-चैन खुशहाली की दुआ मांगी जाती है। मुफ्ती-ए-आजम मप्र मौलाना द्वारा नमाज पढ़ाई जाती है।
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