जबलपुर मछली मार्केट में 19 अक्टूबर को ईद मिलाद-उन-नबी को हुए बवाल की गहरी साजिश रची गई थी। अंजुमन तक जुलूस न निकालने और पटाखा न फोड़ने की मुफ्ती-ए-आजम मप्र मौलाना हजरत मोहम्मद हामिद अहमद सिद्दीकी द्वारा अपील करने के बाद आनंद नगर में गोपनीय मीटिंग हुई थी।
इसमें एक मौलाना, 3 पूर्व पार्षद, एक कबाड़ी का बेटा शामिल हुए थे। पूरी स्क्रिप्ट बैठक में लिखी गई थी। पटाखों के लिए 50 हजार रुपए और चार मदरसों में पढ़ रहे युवकों को तैयार किया गया था। गोहलपुर पुलिस ने प्रकरण में साजिश रचने की धारा भी जोड़ दी है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुस्लिमों की रहनुमाई कौन करे, इसे लेकर शहर में 3 गुट बन गए हैं। तीनों ही गुटों में आपसी रस्सा-कस्सी भी तेज हो गई है। पहला गुटा है मुफ्ती-ए-आजम के बेटे मुसाहिद मियां की। उनकी नजर भी मुफ्ती-ए-आजम के पद पर है।
वहीं दूसरा गुट रईसवली का है, जो नईम अख्तर को अपनी ओर से मुफ्ती बनाने में जुटा है। तीसरा गुट भूरे पहलवान और उनके बेटे मौलाना इम्तियाज का है। तीनों गुटों में एक गुट को अब्दुल रज्जाक और शमीम कबाड़ी के बेटे का समर्थन हासिल है।
तीनों गुटों की युवकों से समर्थन हासिल करने की होड़
मौजूदा समय में तीनों ही गुट में समाज का अधिक से अधिक समर्थन हासिल करने की होड़ मची है। खासकर युवकों को अपनी ओर खींचने की होड़ है। ईद मिलाद-उन-नबी को अंजुमन तक जुलूस की अनुमति नहीं मिलने को तीनों गुटों ने फायदे के तौर पर लिया। मुफ्ती-ए-आजम की अपील के बाद 17 अक्टूबर को आनंद नगर में तीनों गुटों में एक की आनंद नगर में बैठक हुई थी।
बैठक में पूर्व पार्षद और अन्य लोग भी शामिल हुए थे। बैठक में ही मछली मार्केट में बवाल करने की स्क्रिप्ट लिखी गई। साथ ही, ये भी तय किया गया कि युवक इसकी अगुवाई करेंगे। बाद में पर्दे के पीछे रहने वाले चेहरे सेतु की भूमिका निभाने आगे आएंगे तो मान जाएंगी।
मछली मार्केट में इसी तरह सब कुछ हुआ
मछली मार्केट में 19 अक्टूबर की दोपहर में 3.30 बजे इसी तरह सब कुछ हुआ। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी समीर ने पूछताछ में इसकी पुष्टि भी की। बताया कि वह जुलूस में पटाखा फोड़ रहा था। तब वहां भीड़ में चल रहे कुछ लोगों ने पुलिस की ओर फोड़ने के लिए उकसाया था। उन चेहरों की उसने पहचान भी की है।
मछली मार्केट में सुरक्षा के लिए मौजूद पुलिस जवानों पर जलता पटाखा फेंका गया। जब पुलिस ने मना करने की कोशिश की, तो पथराव किया गया। दो घंटे तक पूरी पटकथा के अनुरूप घटनाक्रम चला। इसके बाद समाज के कुछ लोगों ने आगे बढ़कर पत्थरबाजों को शांत कराया। तब हालात शांत हुए।
50 हजार का पटाखा 4 मदरसों के बच्चों को दिया गया था
मुफ्ती-ए-आजम की अपील की खिलाफत दिखाने के लिए कबाड़ी के बेटे ने फाइनेंस किया। 50 हजार रुपए का पटाखा खरीदा गया। आनंद नगर पानी की टंकी के पास पटाखा बांटे गए थे। सुब्बाशाह मैदान के पास संचालित चार मदरसों के बच्चों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई कि वे रात भर पटाखा फोड़ेंगे। जुलूस में इन युवकों के बीच ही उपद्रवी भी शामिल हुए थे। इन उपद्रवियों को तुर्की में मौजूद जिले के एक वांछित अपराधी की ओर से भी उकसाए जाने के तथ्य भी पुलिस को मिले हैं।
07 उपद्रवी और गिरफ्तार
गोहलपुर पुलिस ने इस मामले में सात और उपद्रवियों रामनगर निवासी समीर, नालबंद मोहल्ला निवासी फिरोज खान, अंसार नगर निवासी मोह. राशिद अंसारी, छोटी मदार टेकरी निवासी मोहसिन, मदार छल्ला निवासी मोहम्मद इमरान, गाजीनगर निवासी मोह आरिफ और चारखंभा निवासी जावेद उर्फ तौहीद को गिरफ्तार कर शनिवार 23 अक्टूबर को जेल भेजा गया। इससे पहले पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में 24 नामजद और 50-60 अज्ञात लोग शामिल हैं।
साजिश रचने वाले को पुलिस करे बेनकाब
शहर काजी मौलाना इम्तियाज ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि साजिश रचने वाले को पुलिस बेनकाब करे। विवाद के बीच लड़के मुझे बुलाकर लाए थे कि आप पहल कर जुलूस निकलवाईए। प्रशासन तक भरोसा नहीं कर पा रहा था, लेकिन मैने रिस्क उठाते हुए पत्थर फेंक रहे युवकों के बीच जाकर उन्हें समझाया। शहर में शांति कायम रही, इसके लिए हमेशा से कोशिश करता रहा हूं। मुझे किसी पद का लोभ नहीं है। अब्दुल रज्जाक या अन्य से मेरा कभी कोई संबंध नहीं रहा है।
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