छात्रा की मांग में सिंदूर भरकर 3 साल तक शोषण करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व महानगर मंत्री शुभांग गोटिया को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। वह तीन महीने से फरार था। उस पर 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था। दावा है कि शुभांग को तीन पत्ती स्थित पुरानी बस स्टैंड के पास से महिला थाना पुलिस ने दबोच लिया, जबकि हकीकत ये है कि उसने वकीलों की फौज के साथ महिला थाने पहुंच कर सरेंडर किया है। आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट तक से खारिज हो चुकी थी।
महिला थाना प्रभारी शबाना परवेज का दावा है कि उन्होंने आरोपी को बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने जबलपुर सहित नागपुर में फरारी काटी है। महिला थाना पुलिस उसे कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर ले सकती है।
पुलिस के दावे से उलट, कहानी ये कि वह खुद ही थाने पहुंचा
टीआई के दावे से उलट सच्चाई ये है कि शुभांग गोटिया आठ-10 वकीलों को लेकर महिला थाने पहुंचा था। उसने खुद ही सरेंडर किया। इसके बाद महिला थाना प्रभारी ने उसे गिरफ्तार किया। अब वकीलों की निगरानी में उसका मुलाहिजा और कोर्ट पेशी का दबाव बनाया जा रहा है। थाने की पूरी कार्रवाई के दौरान वकीलों की मौजूदगी बनी रही।
21 मई को दर्ज हुआ था मामला
महिला थाने में 21 जून को पिता के साथ पहुंची जबलपुर निवासी 23 वर्षीय छात्रा ने शुभांग के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था। 2018 में कैंट स्थित कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात एबीवीपी की मेंबरशिप के दौरान आरोपी से हुई थी। राइट टाउन निवासी शुभांग गोटिया (25) उस समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का महानगर मंत्री था।
छात्रा की मांग में सिंदूर भरकर करता रहा शोषण
उसने छात्र को प्यार के झांसे में फंसाया और फिर एक दिन उसकी मांग में सिंदूर भरते हुए बोला कि अब वे पति-पत्नी हैं। इसके बाद तीन साल तक उसका शारीरिक शोषण करता रहा। इसी साल जनवरी में वह शादी से मुकर गया, बोला- वो तो शादी का ढोंग किया था। युवती की शिकायत पर दर्ज रेप के प्रकरण के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित हुआ था। उसकी अग्रिम जमानत सुप्रीम कोर्ट तक से खारिज हो चुकी थी।
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