कोरोना की आपदा के बीच शहर जनभागीदारी की एक मिसाल गढ़ने जा रहा है। जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन के अधिकारी और समाजसेवियों के सहयोग से जबलपुर में अब तक का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर डी मार्ट माढ़ोताल में शुरू होने जा रहा है। खास बात यह है कि यहाँ एक ही छत के नीचे लगभग 400 से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। यह अस्पताल भले ही ऑक्सीजनयुक्त न हो लेकिन एसिम्टोमेटिक मरीजों को यहाँ पर कोई परेशानी नहीं होगी।
शासन-प्रशासन का दावा है कि ऐसे मरीज यहाँ रहने से कम से कम कोरोना की चेन ब्रेक करने में मदद मिलेगी। फिलहाल ऐसे लोग या ताे घरों में हैं या फिर घूम-घूमकर लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। समुचित उपचार मिलने के बाद उन्हें यहाँ से छुट्टी मिलेगी। दानदाता इसके लिये आगे आये हैं। गत दिवस ही 60 लाख रुपये की रकम प्रशासन को सौंपी गई है।
इधर मेडिकल में बन रहा 20 बिस्तरों वाला पोर्टेबल कोविड वार्ड, 3 दिन में होगा तैयार
मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए प्रदेश में अपने आप में पहला प्रयोग होने जा रहा है। यहाँ 20 बिस्तरों वाला एक ऐसा अस्थाई कोरोना वार्ड बनाया जा रहा है, जोकि पोर्टेबल प्रीमेड वार्ड है। बाहर टेंट की तरह लगने वाला यह वार्ड, हवा भरने के बाद अपने आकार में आता है और अंदर से किसी छोटे अस्पताल की तरह दिखाई देता है।
इस वार्ड को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन की पार्किंग में तैयार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार वार्ड बनाने का काम शनिवार से शुरू हुआ है, जिसका स्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया है। तीन दिनों में इसका काम पूरा होने के बाद मरीज भर्ती होने शुरू हो जाएँगे।
बताया जा रहा है कि इस वार्ड में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन समेत आपातकालीन सुविधाएँ मिलेंगी। वार्ड 89.65 लाख रुपए की लागत से तैयार हो रहा है।
एक नजर
पूरी तरह वातानुकूलित पोर्टेबल टॉयलेट भी
बताया जा रहा है कि यह प्रीमेड वार्ड पूरी तरह वातानुकूलित होगा। इसमें एयर सेपेरेशन यूनिट भी है, जो वहीं ऑक्सीजन तैयार करती है। इसमें पीटी-पीआरओ, ऑक्सीमैक्स के साथ ऑक्सीजन, सक्शन लाइन और सेंट्रल मशीन, बेड साइड लॉकर, ड्रिप सैट, हाईकार्डिक टेबल, पोर्टेबल टॉयलेट कैबिन, तीन सीटर टॉयलेट और दो वॉशरूम होंगे।
क्या-क्या व्यवस्थाएँ की गईं
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