नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में गिरफ्तार सिटी अस्पताल के संचालक की पत्नी जसमीत कौर और मैनेजर सोनिया खत्री की जमानत अर्जी मंगलवार को कोर्ट ने खारिज कर दी। एसआईटी की ओर से आरोपियों की जमानत का विरोध किया गया था। उधर, सोमवार को नाटकीय अंदाज में गिरफ्तार मोखा के बेटे हरकरण को तीन दिन की रिमांड पर लिया है। बुधवार को मोखा को भी रिमांड पर लेने की तैयारी है।
सिटी अस्पताल का डायरेक्टर सरबजीत मोखा की गिरफ्तारी अभी रासुका के तहत ही हुई है। ओमती थाने में नकली इंजेक्शन मामले में दर्ज प्रकरण में उसकी गिरफ्तारी शेष है। इसके चलते एसआईटी ने कोर्ट में उसका प्रोडक्शन वारंट मांगा था।
बुधवार को जेल प्रशासन द्वारा उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां पुलिस उसे हिरासत में लेकर गिरफ्तार करेगी और फिर उसे रिमांड पर लेगी। दो दिन पहले ही मोखा की कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
हरकरण छिपा था दिल्ली में, बोला- उसे पिता के व्यवसाय की जानकारी नहीं
सोमवार को फिल्मी स्टाइल में जिला कोर्ट परिसर से गिरफ्तार मोखा के बेटे हरकरण ने रिमांड में लिए जाने के बाद एसआईटी को भरमाने की कोशिश कर रहा है। बोला कि उसे पिता के व्यवसाय के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। वह तो पेट्रोल पंप संभालता था।
अस्पताल के बारे में पिता सरबजीत और मैनेजर सोनिया खत्री के साथ देवेश ही जानकारी रखते हैं। हरकरण से दो नकली इंजेक्शन और मोखा के मोबाइल के बावत भी पूछताछ हुई। दोनों नकली इंजेक्शन के बारे में वह कोई जानकारी नहीं दे पाया। जबकि मोबाइल के बावत बताया कि उसके बारे में पिता ही जानते हैं।
दिल्ली में छिपकर बैठा था हरकरण
एसआईटी की पूछताछ में हरकरण ने बताया कि वह दिल्ली में फरारी के दौरान था। वहां दूसरे वाहन से घूमता था। मोबाइल बंद होने की वजह से उसका लोकेशन नहीं ट्रेस हो पा रहा था। रविवार को ही वह आगरा आ गया था। वहां से कोर्ट में पेशी का पूरा प्लान बना। इसके बाद वह अपने वाहन से जबलपुर के लिए निकला था।
शहर में आने के बाद वह एक अधिवक्ता के घर पहुंचा। उनके वाहन में बैठकर जिला कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा था, लेकिन एसआईटी की टीम ने उसे दबोच लिया। दरअसल उसकी अग्रिम जमानत याचिका को लेकर कोर्ट ने ओमती पुलिस से प्रतिवेदन मांग लिया था।
दो नकली इंजेक्शन देवेश को दिया था हरकरण ने
मोखा के बेटे हरकण ने ही सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश चौरसिया को दो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए थे। जिसे पिछले दिनों एसआईटी ने देवेश चौरसिया की निशादेही पर जब्त किए थे। इसके अलावा हरकरण ने इंदौर से नकली इंजेक्शन मंगवाने के लिए अपने दोस्त के दिव्यांग नौकर की आईडी भेजी थी। जिससे मॉल के बारे में रास्ते में आईडी मांगने पर दिखाया जा सके। एसआईटी मोखा को रिमांड पर लेकर बेटे को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करने की तैयारी में है।
ये है मामला
गुजरात पुलिस ने 1 मई को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का भंडाफोड़ किया था। मामले में 7 लोग गिरफ्तार हुए थे। 6 मई की रात में गुजरात पुलिस ने फार्मा संचालक जबलपुर निवासी सपन जैन को गिरफ्तार किया। इसके बाद सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत का मोखा का नाम सामने आया। वहीं यह भी खुलासा हुआ कि उसने 23 व 28 अप्रैल को दो कार्टून में 500 नकली इंजेक्शन मंगवाए थे।
इसमें 35 ने सपन ने रख लिए थे, जिसे 4 मई को इंदौर में एमआर का काम करने वाले राकेश शर्मा के साथ तिलवारा घाट पर फेंक दिया था। वहीं 465 इंजेक्शन में 209 अस्पताल में भर्ती 171 मरीजों को लगा दिए गए थे। इसमें नौ की मौत भी हुई है। इस मामले में 10 मई को ओमती थाने में एफआईआर दर्ज हुआ। अब तक 8 आरोपी बनाए जा चुके हैं।
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