• Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Jabalpur
  • In The Application Of Chief Minister Jan Kalyan Yojana, The Death Of The Deceased Was Shown 121 Years Ago, The Wife Is Wandering For Improvement

1992 में जन्म, 1900 में मौत!:2 साल पहले पति की मौत हुई, सीएम जनकल्याण योजना के फॉर्म में 121 साल पहले मौत बता दी; 3 बच्चों के पालन पोषण के लिए भटक रही पत्नी

जबलपुर2 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक

मध्यप्रदेश के जबलपुर में लापरवाही का गजब कारनामा सामने आया है। यहां एक व्यक्ति को उसके जन्म से पहले ही कागजों में मार डाला। यानि व्यक्ति का जन्म 1992 में हुआ, जबकि कागजों में उसकी मौत 1900 दर्शा दी गई। मामला जबलपुर का है। निगम के कर्मचारी की गलती का खामियाजा युवक की पत्नी भुगत रही है। महिला को मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना का लाभ पाने से वंचित कर दिया है। महिला के आवेदन में कम्प्यूटर ऑपरेटर ने पति की मौत 121 वर्ष पहले दर्शा दी है। 26 वर्षीय पीड़िता पर तीन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी आन पड़ी है। वह आवेदन में हुई त्रुटि सुधरवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है।

चण्डालभाटा दीनदयाल निवासी सीमा चौधरी के मुताबिक उसके पति अजय चौधरी की बीमारी के चलते 16 नवंबर 2018 को मौत हो गई थी। अजय का जन्म 2018 में हुआ था। पति की मौत पर उसने मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना सहायता राशि का फॉर्म नगर निगम जोन क्रमांक-6 से भरा था। ऑनलाइन आवेदन में कम्प्यूटर ऑपरेटर ने उसके पति की मौत की तारीख वर्ष 1900 दर्ज कर दी। इसकी वजह से उसे मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

अजय का जन्म 1992 में हुआ था।
अजय का जन्म 1992 में हुआ था।

उधार रुपए लेकर किया पति का अंतिम संस्कार
सीमा के मुताबिक पति के मौत के बाद वह अकेली रह गई है। अंत्येष्टि भी पैसे उधार लेकर की थी। उस पर 3 बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना सहायता राशि के लिए ये सोच कर आवेदन किया था कि इससे वह छोटा रोजगार कर लेगी। उधारी भी चुका देगी, लेकिन वह दो साल से योजना का लाभ पाने के लिए भटक रही है। सहायता राशि के फार्म में हुई गलती को लेकर सीमा नगर निगम के चक्कर काटकर थक चुकी है। अधिकारी उसे भोपाल से फॉर्म में सुधार होने का हवाला देकर भगा देते हैं।

पति का मृत्यु प्रमाण पत्र भी लगाया था आवेदन में।
पति का मृत्यु प्रमाण पत्र भी लगाया था आवेदन में।

अधिकारी बोलते हैं- अब भोपाल से होगी सुधार
सीमा ने बताया कि वे सहायता राशि फॉर्म में हुई गलती को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित निगम के अधिकारियों को आवेदन दे चुकी हैं, लेकिन मदद नहीं मिली। नगर निगम जोन क्रमांक-6 के संभागीय अधिकारी सत्येंद्र चक्रवती के मुताबिक निगमायुक्त से लेकर भोपाल के श्रम विभाग को अवगत कराया जा चुका है। दो-तीन बार प्रयास भी किए गए, लेकिन हर बार पोर्टल लॉक हो जाता है।

पीड़ित महिला का आवेदन, जिसमें निगम की गलती का जिक्र किया है।
पीड़ित महिला का आवेदन, जिसमें निगम की गलती का जिक्र किया है।
खबरें और भी हैं...