नेशनल लोक अदालत में आज कुटुम्ब न्यायालय में आए कई प्रकरणों में आपसी सहमति से राह निकली। लाेक अदालत में अलग रह रहे दंपती फिर एक हो गए। कम दहेज और बेटी होने के बाद से ही उसे मायके में छोड़ देने वाला पति और ससुराल वाले आज उसे इज्जत के साथ विदा कर ले गए।
महिला को पहले दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया। जब उसने एक बेटी को जन्म दिया तो ये कहकर अपमानित किया जाने लगा कि वह बेटा नहीं दे सकती है। आखिर में उसे घर से भी निकाल दिया गया। महिला मजबूरी में मायके में रहने लगी। उसने पति सहित ससुराल वालों पर 5 लाख रुपए का खर्चा देने का कुटुम्ब न्यायालय में केस लगाया। पर आज नेशनल लोक अदालत में द्वितीय अतिरिक्त न्यायधीश ने दोनों पक्ष में सुलह कराया। सालों बाद पति-पत्नी ने एक दूसरे को माला पहनाया और खुशी-खुशी घर लौट गए।
करीब साढ़े 6 लाख की रिकवरी का हुआ समझौता
पति पत्नी के बीच आपसी तालमेल न होने के कारण विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ा की पत्नी अपने घर महाराष्ट्र लौट गई। 2011 में खाना खर्चे के लिए आदेश जारी हुआ। आदेश के बावजूद पति के द्वारा खर्चा नहीं दिया जा रहा था। करीब 10 साल बाद राशि 10 लाख करीब हुई। जिसके बाद आज कुटुम्ब न्यायालय में दोनों पक्षों में 6 लाख 30 हजार में समझौता हो गया। पक्षकार के द्वारा 6 लाख 30 हजार का चेक दिया गया। तलाक की प्रक्रिया विचाराधीन है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.