खेती-किसानी में भी करियर है। आप इस फील्ड में भी स्टार्टअप कर सकते हैं। ऐसा ही स्टार्टअप है- एग्रो क्लीनिक। सरल शब्दों में समझें, तो खेती-किसानी के डॉक्टर। जबलपुर में पिता-पुत्री ने यह स्टार्टअप शुरू किया है। इनकी कंपनी किसानों से उपज बढ़ाने का कॉन्ट्रैक्ट करती है। उन्हें कम जमीन से ज्यादा पैदावार लेने के तरीके बताती है। इस बढ़ी हुई उपज का कुछ हिस्सा फीस के तौर पर लेते हैं। इस नए ट्रेंड के बारे में आइए जानते हैं भास्कर खेती-किसानी सीरीज-24 में एक्सपर्ट रितु चतुर्वेदी कंसल्टेंट (सृजन एग्रो क्लीनिक कंपनी की हेड) से…
मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी JNKV से पढ़ाई और फॉरेस्ट्री मैनेजमेंट का कोर्स कर चुकीं शास्त्री नगर की रहने वाली रितु चतुर्वेदी ने 8 साल तक मुंबई में जॉब किया। उनके पापा आनंद कुमार चतुर्वेदी सिंचाई विभाग से रिटायर्ड हैं। रितु ने पिता के साथ मिलकर सृजन एग्रो क्लीनिक नाम से कंसल्टेंसी की शुरुआत की। अब तक 800 किसान उनसे जुड़ चुके हैं। किसानों को समय-समय पर सलाह देने के लिए 72 लोगों की टीम भी जोड़ ली है। इस स्टार्टअप को स्मार्ट सिटी के इन्क्यूबेशन सेंटर के मैनेजर अग्रांशु द्विवेदी और स्टार्टअप कंसल्टेंट श्वेता नामदेव मदद कर रही हैं।
इस तरह काम करती है कंपनी
सृजन एग्रो क्लीनिक कंपनी दो तरह के बिजनेस आइडिया पर काम कर रही है। पहला कोई किसान चाहे तो एक फसल के लिए कॉन्ट्रैक्ट कर सकता है। दूसरा, इस कॉन्ट्रैक्ट को जारी रख सकता है। कंपनी खेत की उर्वरा क्षमता का परीक्षण करती है। किसान से उसकी जरूरत समझती है। अच्छी फसल लेने के लिए किसान को बीज, खाद, कीटनाशक चयन के बारे में बताती है। किसानों को उर्वरक कार्ट मुहैया कराया जाता है। वे कार्ट से पत्ती के कलर का मिलान कर उसी जरूरत में खाद की मात्रा देते हैं। इससे खेती में लागत कम आती है।
खेत को दो हिस्सों में बांटा जाता है
खेती वाली जमीन को दो हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्से में परंपरागत फसल जैसे गेहूं, धान, मक्का, उड़द, मूंग, सोयाबीन, सरसों आदि की बुवाई कराई जाती है। आधी जमीन में सब्जी की खेती कराई जाती है। इसमें समय का विशेष ध्यान रखा जाता है। मतलब अगैती खेती पर जोर रहता है। इसका फायदा किसानों को उपज की अच्छी कीमत के तौर पर होता है।
1 एकड़ से 28 क्विंटल तक उपज ले सकते हैं
रितु के मुताबिक दमोह के एक किसान पहले 1 एकड़ खेत से 12 क्विंटल गेहूं की उपज लेते थे। उन्होंने हमसे अनुबंध किया। सबसे पहले उनके खेत की मिट्टी जांची गई, इसके हिसाब से ही अच्छी उपज वाले गेहूं के बीज की बुवाई कराई। सिंचाई और खाद देने के बारे में बताया। किसान ने इसी खेत से 28 क्विंटल गेहूं की उपज ली।
बिजनेस के तीन मॉडल
सृजन एग्रो क्लीनिक जबलपुर और आसपास के जिलों में किसानों से तीन तरह के बिजनेस मॉडल पर अनुबंध करता है।
भास्कर खेती-किसानी एक्सपर्ट सीरीज में अगली स्टोरी होगी काली हल्दी से किसान हो सकते हैं मालामाल। आपका कोई सवाल हो तो इस नंबर 9406575355 वॉट्सऐप पर मैसेज करें।
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