ओबीसी आरक्षण के लंबित होने के विरोध में कई संगठनों ने संयुक्त रूप से सोमवार 29 नवंबर को सिविक सेंटर में धरना-ज्ञापन देने वाले थे। इसकी अनुमति भी ली गई थी। पर ज्ञापन सौंप रहे संगठन के लोग अचानक बेकाबू हो गए। बेरीकेड्स तोड़कर वे कलेक्ट्रेट के लिए निकल गए। हालात बिगड़ता देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। 50 से अधिक उत्पाती को हिरासत में ले लिया। बल प्रयोग में दो महिलाएं भी घायल हो गईं। वहीं प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे विभिन्न संगठन के पदाधिकारी मौके से भाग निकले।
ओबीसी आरक्षण का मामला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में लंबित है। इस प्रकरण के बीच कुछ संगठनों ने सामाजिक दबाव बनाने के लिए आंदोलन शुरू करने की कोशिश में जुट गए हैं। सोमवार को ओबीसी महासभा, भीम आर्मी, वामसेफ, मूल निवासी आदि संगठनों के पदाधिकारी संयुक्त रूप से सिविक सेंटर में एकत्र होकर धरना-प्रदर्शन करने पहुंच गए। हालांकि प्रदर्शन में 25 लोगों के शामिल होने की अनुमति ली गई थी।
मांगों को लेकर कर रहे थे प्रदर्शन
सिविक सेंटर पार्क में ओबीसी महासभा के आह्वान पर ये प्रदर्शन हो रहा था। 25 की अनुमति ली थी, लेकिन मौके पर 500 से अधिक लोग एकत्र हो गए थे। शिक्षक भर्ती में 27 फीसद आरक्षण लागू किए जाने, ओबीसी समाज के छात्रों की रोकी गई छात्रवृत्ति बहाल करने सहित अन्य मांगों को लेकर सिविक सेंटर पार्क में प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ता रैली की शक्ल में पैदल मार्च कर घंटाघर के पास ज्ञापन देने जा रहे थे। लेकिन जेडीए कार्यालय के पास रैली में शामिल कुछ कार्यकर्ता बेकाबू हो गए और पुलिस से ही उलझ गए। इसके बाद मामला बिगड़ा।
पुलिस से किया झड़प, मामला दर्ज
प्रदर्शन में शामिल उत्पाती बल प्रयोग के बाद भड़क गए। कई ने पुलिस के साथ भी झड़प किया। सिविक सेंटर में अफरा-तफरी का आलम दिखा। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे पदाधिकारी पुलिस का सख्त रूख देख धीरे से निकल गए। पर जोश में आ गए कार्यकर्ता में 50 के लगभग पुलिस के हत्थे चढ़ गए। सभी को हिरासत में लेकर लाइन ले जाया गया। पुलिस कार्रवाई के दौरान कई वाहनों की हवा भी निकाल दी गई। इस प्रकरण में ओमती थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। विवाद और कार्यकर्ताओं को भड़काने के मामले में कुछ संगठन के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
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