कोविड संकट के बीच चार पार्टनर्स ने मिलकर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का स्टार्टअप शुरू किया। अक्टूबर 2020 को शुरू की इंडो ऑर्गेनिक प्रा. कंपनी आज 102 तरह के ऑर्गेनिक प्रोडक्ट प्रोवाइड करा रही है। अब तक कंपनी एमपी से लेकर दक्षिण, उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के अलग-अलग इलाकों के 250 किसानों से उनके उत्पाद खरीद रही है। यूपी, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा-पंजाब, महाराष्ट्र और गुवाहाटी में प्रोडक्ट बेच रही है। 15 लोगों को रोजगार भी दे रखा है। कंपनी का प्रोफिट 20 से 25% तक है। ऑर्गेनिक प्रोडक्ट से रोजगार कैसे खड़ा करें? भास्कर खेती-किसानी सीरीज-65 में आइए जानते हैं एक्सपर्ट शैलेंद्र त्रिपाठी (डायरेक्टर इंडो ऑर्गेनिक प्रा. कंपनी) से…
शैलेंद्र का बैकग्राउंड खेती-किसानी से जुड़ा है। उन्होंने बताया- मैं 2011 से 2020 तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में सेल्स से जुड़ा था। इस कारण पूरे देश में नेटवर्क की अच्छी समझ थी। कोविड के चलते दिमाग में आया कि लोगों को अच्छा खान-पान उपलब्ध कराना चाहिए। इसके लिए जबलपुर के अभिषेक वर्मा, डॉक्टर बलजीत कौर और उनके बेटे नौरोज शेखू के साथ मिलकर सितंबर 2020 में इंडो ऑर्गेनिक प्रा. कंपनी का स्टार्टअप जबलपुर में रजिस्टर्ड कराया।
कंपनी ने सफर की शुरुआत जबलपुर इन्क्यूबेशन सेंटर के मैनेजर अग्रांशु द्विवेदी की देखरेख में शुरू की। आज के समय में मेरी कंपनी 9 महीने में 1.20 करोड़ का टर्नओवर कर चुकी है। पहले साल के 3 महीने में 22 लाख का टर्नओवर हुआ था।
किसानों से सीधे खरीदते हैं उनके ऑर्गेनिक प्रोडक्ट
हम देशभर के 250 किसानों से वर्तमान में सीधे उनके ऑर्गेनिक प्रोडक्ट खरीद रहे हैं। जैसे एमपी से गेहूं और हल्दी, पूर्वोत्तर भारत से हल्दी, उत्तराखंड से अचार, राजस्थान से ऑयल और स्पाइस प्रोडक्ट, दक्षिण भारत और उत्तर भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से खरीद रहे हैं।
किसानों को उनके स्थानीय बाजार भाव से 10 से 15% अधिक कीमत उपलब्ध कराते हैं। किसान चाहे तो अपने उत्पाद सीधे या फिर उसे प्रोसेसिंग करके बेच सकते हैं। प्रोसेसिंग करने पर किसानों को डेढ़ गुना तक कीमत ज्यादा मिल जाती है। हम उन्हें अपने ब्रांड नेम से ग्राहकों तक ऑफलाइन और ऑनलाइन तरीके से पहुंचा रहे हैं।
पंजाब-हरियाणा में सबसे अधिक डिमांड
इन प्रोडक्ट की सबसे अधिक डिमांड पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर में है। चार सुपर स्टॉकिस्ट, 6 डिस्ट्रीब्यूटर्स और 100 से अधिक रिटेलर्स बनाए हैं। सुपर स्टॉकिस्ट से रिटेलर्स के बीच 20 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता है। कंपनी अपना विस्तार करने जा रही है। जल्द ही देश के दोनों बड़ी ऑनलाइन कंपनी पर भी उनके ऑर्गेनिक उत्पाद उपलब्ध होंगे। इसके अलावा बड़े-बड़े शहरों में रिटेल चेन चलाने वाली कंपनियों से भी बातचीत हो रही है कि उनके उत्पाद वहां भी उपलब्ध रहे। अगले तीन साल में हम 10 हजार किसानों से उनके ऑर्गेनिक प्रोडक्ट खरीदेंगे और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग भी कराएंगे।
हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया में भी हो रही सप्लाई
ऑर्गेनिक उत्पाद की डिमांड विदेशों में भी अधिक है। अभी उनकी कंपनी हांगकांग व ऑस्ट्रेलिया में भी थर्ड पार्टी के लिए मैन्यूफैक्चरिंग का काम कर रहे हैं। पर देश में ऑर्गेनिक उत्पाद की असीम संभावना है। डिमांड इतनी है कि हम उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं। हमारी कंपनी में अचार-चटनी से लेकर गेहूं, चावल, मसाले आदि किचन से जुड़े 102 तरीके के प्रोडक्ट अभी तैयार कर रहे हैं। कंपनी का पूरा काम 15 महिलाओं के हाथ में है।
प्रोसेसिंग कर कई किसान कमा रहे अच्छा लाभ
हमारे साथ राजस्थान के एक किसान जुड़े हैं। वे आंवला की खेती करती है। वे अपने आंवला से मुरब्बा, कैंडीज, अचार सहित कई तरह के उत्पाद तैयार कर हमे उपलब्ध कराते हैं। हम उसे अपने ब्रांड से पैक कर मार्केट में बेचते हैं। पैकिंग मटेरियल उन्हें हम उपलब्ध कराते हैं। इसमें 80 प्रतिशत ऐसा मटेरियल होता है, जो बायोवेस्ट होता है। इसी तरह उत्तराखंड में महिला समूह आम सहित हल्दी, जिंजर, कमल ककड़ी, मशरूम का आचार बनाती हैं। एमपी के नरसिंहपुर के किसान राजेंद्र सिंह सहित खरगोन, इंदौर आदि शहरों के किसान ऑर्गेनिक गेहूं उपलब्ध कराते हैं।
किसानों से देसी गाय का घी भी खरीदते हैं
ऑर्गेनिक खेती मध्यम व छोटे जोत वाले किसान ही करते हैं। ऑर्गेनिक खेती का बेस देसी गाय होती है। हम ऐसे किसानों से उनकी देसी गाय का घी भी खरीदते हैं। ये घी 1000 से 1200 रुपए तक बिकता है। वहीं ऑर्गेनिक गेहूं का ऑटा 35 से 36 रुपए में ग्राहकों तक पहुंचाते हैं।
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