नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों को अब ब्लड और यूरिन जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अगले 10 में यहां तैयार हो चुके पैथोलॉजी और बायोकैमेस्ट्री लैब में ही सारी जांच की सुविधा मिलेगी। मरीजाें को मेडिकल कॉलेज के सेंट्रल लैब के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं एल्गिन में भी राज्य सभी सांसद विवेक तन्खा के सहयोग से एफरेसिस मशीन शुरू हो गई है। इसकी मदद से प्लेटलेट्स अलग किया जा सकता है।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अभी जांच की कोई सुविधा नहीं थी। मरीजों को मेडिकल काॅलेज के सेंट्रल लैब भेजना पड़ता था। इसमें काफी वक्त भी लगता था। मेडिकल के सेंट्रल लैब में रोजाना 4 हजार के लगभग जांच आती है। जबकि वहां जांच की पूरी क्षमता ही 3500 के लगभग है। ऐसे में पेंडेंसी बन रहती है। पर सुपर स्पेशलिटी में जांच की सुविधा होने पर मरीजों को एक दिन में ही जरूरी रिपोर्ट मिल जाएगी।
एनालाइजर मशीन की हो चुकी है खरीदी
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बायोकैमेस्ट्री लैब के लिए नई एनालाइजर मशीन आ चुकी है। वहीं पैथोलॉजी जांच के लिए जरूरी सामग्री भी मंगवा ली गई है। यहां बायोकैमेस्ट्री लैब भी बनकर तैयार हो गया है। सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की ओपीडी में रोजाना 500 से अधिक मरीज पहुंचते हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर पीके कसार के मुताबिक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ब्लड टेस्ट की समस्या थी। मरीजों की सुविधा के लिए उसी भवन में लैब बनाने का निर्णय लिया था।
एल्गिन में एफरेसिस मशीन लगी
एल्गिन अस्पताल में अब 24 घंटे प्लेटलेट्स की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मेडिकल कॉलेज के बाद अब एल्गिन में भी ये सुविधा मिलेगी। राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने निधि से एफरेसिस मशीन प्रदान की है। इसके लग जाने से सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें दानदाता का पूरा रक्त लेने की जरूरत नहीं होती है। रक्त से प्लेटलेट्स अलग करने के बाद शेष रक्त वापस दानदाता के शरीर में चला जाता है। डेंगू जैसी कई बीमारियों में प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ती है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.