जबलपुर में सूदखोरों से तंग आकर 32 वर्षीय युवक ने सुसाइड कर लिया। युवक ने चार सूदखोरों के नाम लिखे हैं। आरोपी लगातार उसे धमका रहे थे। सूदखोरों की प्रताड़ना से युवक तंग आ चुका था। चार महीने पहले उसके पिता ने भी सूदखोरों से तंग आकर आत्महत्या कर ली। रांझी क्षेत्र में चार दिन में ये सूदखोरों से परेशान होकर सुसाइड करने की दूसरी घटना है। ये सब कुछ तब हो रहा है, जब पुलिस सूदखोरों के खिलाफ अभियान चला रही है।
रांझी टीआई विजय परस्ते के मुताबिक बजरंग नगर, दुर्गा मंदिर के पास रहने वाले आलोक पांडे (32) ने सोमवार को फंदे से झूल कर सुसाइड कर लिया। आलोक पांडे के पास से पुलिस ने दो सुसाइड नोट जब्त किए हैं। इस सुसाइड नोट में आलोक पांडे ने चार सूदखोरों के नाम है। चारों सूदखोरों से आलोक पांडे ने काफी कर्ज ले रखे थे। उधार ली गई रकम कई गुना होने की वजह से वह सभी के पैसे लौटा नहीं पा रहा था। जबकि सूदखोर आए दिन उस पर दबाव डाल रहे थे। इसी प्रताड़ना से तंग आकर उसने सुसाइड कर लिया।
पत्नी बच्चे थे ससुराल, घर पर भाई-बहन ही थे
आलोक पांडे के साले कंचनपुर सनसिटी निवासी निक्की के यहां कार्यक्रम था। आलोक की पत्नी नेहा पांडे तीन साल के बेटे शुभांश व तीन माह की बेटी शिंवाशी के साथ मायके गई हुई थी। आलोक भी रविवार रात नौ बजे ससुराल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर रात में ही लौट आए थे। घर पर उनकी विधवा बहन अर्चना पांडे रहती हैं। उन्होंने एक छोटी सी दुकान खोल रखी है। सोमवार को आलोक घर में पंखे से लटका मिला। बहन अर्चना पांडे ने भाई के ससुराल में खबर दी।
घर का इकलौता कमाने वाला था आलोक
आलोक की मां का बीमारी से पहले ही निधन हो चुका है। पिता भी सुसाइड कर चुके हैं। आलोक ही घर का इकलौता कमाने वाला था। वह सिविल कांट्रैक्टर था। दो दिन पहले सूदखोरों ने उसकी स्कूटी छीन ली थी। अब भी स्कूटी सूदखोरों के ही पास है। सूदखोरों की प्रताड़ना के चलते उसका घर से निकलना तक मुश्किल हो चुका था। उसने 10-15 लाख रुपए उधार लिए थे, जो 40-45 लाख रुपए हो गए थे। उसने मकान का कुछ हिस्सा तक बेचना पड़ा था। कई सूदखोरों ने उससे 20 प्रतिशत तक ब्याज वसूले हैं।
पूर्व में भी सुसाइड की कोशिश की थी
इसके पहले भी वह परेशान होकर पूर्व में एक बार घर से निकल गया था। तब ससुराल वाले ढूंढ कर लाए थे। एक बार तिलवारा से उसे लेकर आए थे। पिछले छह महीने से वह काफी परेशान था। हालांकि रांझी पुलिस का दावा है कि आलोक आईपीएल सट्टा में काफी रकम हार गया था। इसी के चलते उसने कई लोगों से कर्ज उठाए थे। पिता के सुसाइड नोट में कर्ज की बातें पूर्व में नहीं आई थी। आलोक के प्रकरण में सामने आए सुसाइड नोट और परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पिता ने भी किया था सुसाइड
आलोक पांडे के पिता फैक्ट्री से जेएमडब्ल्यू पद से रिटायर उदयभान पांडे ने भी 29 जुलाई को सुसाइड कर लिया था। वो भी सूदखोराें से परेशान थे। अब बेटे की आत्महत्या ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। सूदखोरी का मामला होने की वजह से वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। सूदखोरों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का प्रकरण दर्ज करने की मांग परिजनों ने की है।
चार दिन में सूदखोरों से तंग आकर दूसरा सुसाइड
रांझी में सूदखोरों के आतंक का आलम ये है कि यहां चार दिनों में सूदखोरों से परेशान होकर सुसाइड करने की ये दूसरी घटना है। इससे पहले 8 दिसंबर को सिद्धनगर में राजेश साहू के मकान में किराए से रहने वाले राकेश सिंह ठाकुर (27) ने सुसाइड कर लिया था। उसने दो सुसाइड नोट छोड़े थे। एक में उसने सूदखोर सुनील सोनकर द्वारा 10 हजार रुपए के एवज में 50 हजार रुपए वसूलने का जिक्र किया था।
वहीं दूसरे सुसाइड नोट में तीन लोगों अभिषेक शुक्ला, अमित सराठे और उसके भाई सचिन सराठे द्वारा पैसे वापस न करने का जिक्र था। अभिषेक को उसने ब्याज पर 10 हजार रुपए दिए थे। वहीं अमित व सचिन सराठे को अपनी दुकान बैंक में गिरवी रखकर पांच लाख रुपए दिए थे। उक्त दोनों भाई भी उसके पैसे नहीं लौटा रहे थे। रांझी पुलिस चारों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर चुकी है। भाई-बहन कमरे में पीछे कमरे में झूल गए।
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