रोंगटे खड़े देने वाली भोपाल की घटना को मप्र हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया है। मासूम को कुत्तों द्वारा नोंचने की घटना में नोटिस जारी कर राज्य सरकार, भोपाल प्रशासन और अन्य अफसरों से जवाब मांगा है। पूछा है कि इस तरह की घटना कैसे हुई। इसे रोकने का क्या इंतजाम किया है?
प्रदेश की राजधानी में 1 जनवरी को कुत्तों ने मासूम बच्ची को नोंच डाला था। मासूम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मामले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए गंभीरता से लिया है। इस मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करते हुए चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की युगलपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, भोपाल कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर को नोटिस जारी कर पूरे मामले में जवाब तलब किया है।
आवारा कुत्तों द्वारा बच्ची को नोंचने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि ऐसी घटनाएं आखिर क्यों बार-बार हो रही है। इससे निपटने के लिए क्या उपाय किए गए हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि इस तरह की घटनाओं पर कैसे नियंत्रण किया जा सकता है?
मासूम का इलाज कराने का दिया आदेश
हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को ये निर्देश दिए हैं कि वह घायल बच्ची का हर जरूरी मेडिकल सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराएं। 1 जनवरी को राजधानी भोपाल के बागसेवनिया इलाके में आवारा कुत्तों के हमले में मासूम बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई थी। बच्ची को पेट कमर और कंधे पर भी गहरे घाव आए थे।
जबलपुर में मासूम की हो चुकी है मौत
एक साल पहले कठौंदा निवासी सुशील श्रीवास्तव की डेढ़ साल की बेटी दीपाली उर्फ गुड़िया को कुत्तों ने नोंच खाया था। इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई थी। दरअसल नगर निगम शहर भर के आवारा कुत्तों को कठौंदा में लाकर नसबंदी करके वहीं छोड़ देता है। यहां मवेशियों का खाल उतारा जाता है। इससे यहां के कुत्ते खूंखार हो चुके हैं।
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