जबलपुर में 26 साल की अनुष्का भाटिया बैम्बू (बांस) से साबुन, शैम्पू और क्रीम सहित 21 प्रोडक्ट बना रही हैं। अनुष्का अपनी जरूरत का बैम्बू भी लगा रखा है। चार साल पहले पिता चाइना से उनके लिए बैम्बू साबुन लाए। जिज्ञासा जागी तो इंटरनेट में सर्च कर खुद बैम्बू साबुन बना दिए। भास्कर खेती किसानी सीरीज-39 में आइए जानते हैं, एक्सपर्ट अनुष्का भाटिया, (एमडी, ग्रीन बैम्बू टेक्नोलॉजी तिलवारा जबलपुर) से…
अनुष्का बताती हैं कि चार साल पहले उन्होंने घर में बैम्बू से साबुन तैयार किया। दोस्तों और रिश्तेदारों को दिया। उन्होंने इस्तेमाल किया, तो उनको दूसरे साबुन के मुकाबले अच्छा लगा। दोस्तों-रिश्तेदारों से वाहवाही मिली, तो अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया। आज वह देश की दो मशहूर ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर हर महीने 40 से 50 हजार की सेल कर रही हैं। सात से आठ महिलाओं को रोजगार भी दिया है। अभी 21 तरह के साबुन, शैम्पू, क्रीम, ड्रिंक्स तैयार किए हैं। जल्द ही 5 और प्रोडक्ट लॉन्च करने की तैयारी है।
बीच में छोड़ दी सीए की तैयारी
अनुष्का ने कहा- मैं 2018 में सिर्फ 22 साल की थी। CA की तैयारी कर रही थी। दोस्त करियर में आगे बढ़ गए थे। पापा सुभाष भाटिया वर्ल्ड बैम्बू कॉन्फ्रेंस में चीन गए थे। वहां से बैम्बू चारकोल से बना साबुन लाए। इसी ने मेरी अलग राह तय कर दी। करियर में आगे पढ़ाई करूं या स्टार्टअप शुरू कर बिजनेस में आ जाऊं। ऐसे में पिता की सीख ने राह दिखाई। पापा अकसर कहते रहते थे कि बेटा नौकरी करने की बजाए जॉब देने वाला काम करो। बाजार में ढेरों ब्यूटी प्रोडक्ट थे, लेकिन चारकोल के नहीं थे। कहीं से प्रशिक्षण भी नहीं मिला। बस अपनी जिज्ञासा को इंटरनेट पर खंगालती रही और उसी से राह मिली।
आयुष मंत्रालय से कराया रजिस्ट्रेशन
एक महीने में साबुन बनाने की सही प्रक्रिया सीख ली। सुधार करते-करते जरूरी मानक समझ गई। मेरा प्रोडक्ट बैम्बू पर आधारित था। इस कारण भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया। आज के समय में मेरी कंपनी में सात महिलाएं काम कर रही हैं। सभी को ट्रेनिंग देकर एक्सपर्ट बना दिया है। साथ में अगरबत्ती भी बनाती हूं। कंपनी में रोज 100 साबुन तैयार होते हैं। इसमें किसी खास तरह की मशीनरी का उपयोग नहीं होता है। मिक्सर, कंटेनर, कास्टिक सोडा, ऑयल, चारकोल, सुंगध के लिए नेचुरल सेंट का प्रयोग करती हूं।
99 रुपए से लेकर 300 रुपए है कीमत
ब्यूटी प्रोडक्ट में उतरी तब समझ में आया कि बल्क में तैयार करने पर लागत और कीमत में कमी आएगी। अभी मेरी कंपनी में 99 रुपए से लेकर 300 रुपए कीमत के प्रोडक्ट तैयार होते हैं। मैं किट भी तैयार कर बेचती हूं। इसमें साबुन, क्रीम आदि का पैक शामिल रहता है। ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर चार साल पहले मेरे जो ग्राहक थे, वो आज भी जुड़े हैं। यही मेरी सफलता है। मेरे प्रोडक्ट पर उन्हें विश्वास है। मेरे प्रोडक्ट में किसी तरह की मिलावट नहीं होती। इस कारण एक बार जो इसका प्रयोग करता है, वो आगे भी जुड़ा रहता है।
इस तरह के प्रोडक्ट बन रहे
बैम्बू चारकोल से साबुन, टरमरिक साबुन, गॉट साबुन, फेस मास्क, लिप पैक, आई लाइनर सहित 25 तरह के प्रोडक्ट बना रही हूं। अपनी कंपनी में ही बैम्बू प्लांट किया है। इसी से चारकोल बनाकर प्रयोग करती हूं। बाहर से बहुत कम प्रोडक्ट मंगवाती हूं। पूरी प्रक्रिया और तैयार होने में एक महीने का समय लगता है। लागत और ब्रिक्री के बाद 25 प्रतिशत के लगभग बचत हो जाती है। जल्द ही बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू होगा।
बैम्बू से चारकोल इस तरह बनता है
पांच साल पुराने बांस को छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को लोहे के बड़े ओवन में 800 से 1200 डिग्री सेल्यियस टैम्परेचर पर रखा जाता है। पूरी प्रोसेस में 8 घंटे लगते हैं।
भास्कर खेती-किसानी एक्सपर्ट सीरीज में अगली स्टोरी होगी फरवरी में लगाए तरबूज-खरबूज, दो महीने में हो जाएंगे मालामाल। खेती किसानी से संबंधित आपका कोई सवाल हो तो वॉट्सऐप नंबर 9406575355 पर मैसेज करें।
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