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स्कूल शिक्षा व जनजातीय कार्य विभाग ने छात्रावासों को खोलने की अनुमति दे दी है। इसके लिए विभागीय तौर पर लंबी-चौड़ी सूची जारी कर कोरोना से बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए, ताकि छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थी सुरक्षित रहें, लेकिन छात्रावास खुलते ही स्थिति एकदम विपरीत है।
मॉडल हाईस्कूल के छात्रावास में विद्यार्थी पहुँचे, लेकिन गंदगी देख वे खुद ही छात्रावास के कमरे की साफ-सफाई में जुट गए। छात्रों का कहना था कि कोरोना के कारण महीनों से छात्रावास के कमरे बंद पड़े हैं। जो सफाई स्कूल की तरफ से कराई गई थी उससे वे संतुष्ट नहीं थे।
धूल की मोटी-मोटी परत फर्नीचर, खिड़कियों व दरवाजे पर चढ़ी हुई थी। फर्श चिटक गए थे। उन्होंने खुद ही कमरों की सफाई करना बेहतर समझा। मॉडल हाईस्कूल में 100 सीटर छात्रावास है। आदिवासी विभाग के एससी व एसटी छात्रावासों में 50-50 छात्रों के रहने की व्यवस्था है। इन छात्रावासों की स्थिति भी मॉडल हाईस्कूल के छात्रावास की भाँति नजर आई।
मॉडल हाईस्कूल में तीन कर्मचारी छात्रावास की सफाई के लिए लगाए गए हैं। उसके बाद भी विद्यार्थियों को सफाई करने की नौबत क्यों आई यह दिखवाता हूँ।
-घनश्याम सोनी, डीईओ
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