कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने बीजेपी को चुनौती दी है। उन्होंने भाजपा को चैलेंज देते हुए कहा कि मुझसे बेहतर कोई हिंदू हो तो बता दो। आज एकादशी है। कितने भाजपा के लोग एकादशी का व्रत रखते हैं? यदि रखते हैं, तो बता दें। मैं 40 साल से रखता हूं। बात यही है कि इनके लिए हिंदू धर्म आस्था का प्रश्न नहीं है। ये इनका राजनीतिक हथियार है।
रविवार को अल्प प्रवास पर जबलपुर पहुंचे दिग्विजय सिंह सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब थे। सलमान खुर्शीद की पुस्तक पर बैन लगाने संबंधी बयान पर तंज कसते हुए कहा कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का किताब और पढ़ाई लिखाई से कोई नाता नहीं है। धर्म की राजनीति बंद करनी होगी।
स्टेशन नामकरण पर बोले- ये बदसूरत शक्ल को सुधारने का कॉस्मेटिक प्रयोग है
भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन के नाम बदलने पर कहा कि ये कॉस्मेटिक चेंजेस हैं। ये बदसूरत शक्ल को सुधारने का काॅस्मेटिक प्रयोग है। अगर रानी कमलापति के नाम का उपयोग करना ही था, तो उनके पुराने महल को मामू (शिवराज सिंह) ने क्यों नहीं ठीक कराया? सीहोर में उनके खंडहर हो रहे राजमहल को क्यों नहीं ठीक कराते? केवल अपने असली चेहरे को छुपाने के लिए ये नाम परिवर्तन का खेल खेला जा रहा है।
आदिवासियों का शोषण करना बीजेपी का चरित्र
दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी आदिवासियों की हितैषी नहीं हो सकती है। नेमावर में तीन आदिवासी युवक, युवती और उसकी मां को मार कर जमीन में दफना दिया गया। आदिवासी समाज और हम लोग आवाज नहीं उठाते तो मामला दबा दिया गया होता। मारने वाला भाजपा का था। बचाने कृषि मंत्री कमल पटेल पहुंचे थे।
आदिवासियों पर खर्च होने वाली 13 करोड़ की रकम से हो रहा सम्मेलन
कल (15 नवंबर) को बिरसा मुंडा का जन्मदिन मनाने पीएम नरेंद्र मोदी भोपाल आ रहे हैं। उनका स्वागत है, लेकिन मेरा प्रश्न है कि आदिवासियों के लिए आवंटित राशि से 13 करोड़ की रकम खर्च कर बीजेपी का सम्मेलन कराना कहां तक उचित है। सबसे अधिक चंदा वसूलने वाली पार्टी अपने खर्चें से क्यों नहीं आदिवासी सम्मेलन करा रही।
आदिवासी नेता वन मंत्री विजय शाह का अपमान करने वालों को मंच पर जगह न दें पीएम
दिग्विजय सिंह ने कहा कि शंकरशाह-कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर उनके वंशज प्रदेश सरकार के वन मंत्री विजय शाह को पहले मालगोदाम में और फिर मंच पर जगह न देकर अपमानित किया गया। ऐसा करने वालों को यदि मंच पर पीएम जगह देते हैं, तो माना जाएगा कि ये बिरसा मुंडा के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उनका आदिवासियों से कोई लेना देना नहीं है।
आदिवासियों पर एमपी में सबसे अधिक अत्याचार होता है
दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी आदिवासियों का शोषण करने वाली पार्टी है। विदिशा मेडिकल कॉलेज में आदिवासी सीटों को डी-रिजर्व करते हुए जनरल श्रेणी में भरने का जुर्म किसने किया? देश में सबसे अधिक आदिवासी समुदाय पर अत्याचार एमपी में होता है। ये एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है, लेकिन ये सच का एक तिहाई हिस्सा है। पूरा सच तो ये है कि दो तिहाई अपराध रजिस्टर्ड ही नहीं किए जाते।
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