गरीब महिलाओं को राजस्थान में बेचने वाले गुनहगारों से पूछताछ चल रही है। उनके कारनामे एक-एक कर उजागर होने लगे हैं। आरोपियों ने चार महीने पहले खारी घाट निवासी कमला बर्मन को 70 हजार रुपए में बेचा था। इसके एवज में जबलपुर के दलालों को 50 हजार रुपए मिले थे। कमला बर्मन का अब तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस उसके परिवार वालों को तलाश रही है। तस्करों के चंगुल से छूटकर आई मऊगंज रीवा निवासी 31 वर्षीय पीड़िता और ग्वारीघाट निवासी श्वेता जैन के शनिवार को कोर्ट में 164 के बयान होंगे। इस मामले में आरोपी और पीड़िता का संयोग से एक ही नाम और सरनेम है।
भोजनालय के मैनेजर से तस्कर बनने की कहानी
सिहोरा निवासी अनिल बर्मन छोटी लाइन फाटक स्थित बासू भोजनालय में मैनेजर का काम करता था। जनवरी 2020 में वह बूंदी किला घूमने गया था। इसके बाद लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन में भी वह कटनी निवासी दोस्त राजू के साथ दूसरी बार बूंदी किला घूमने गया। राजू की बेटी की शादी झालावाड़ में हुई है। दोनों बूंदी का किला घूमकर नीचे उतरे और दुकान पर चाय पीने लगे। इस दौरान उनकी मुलाकात बूंदी निवासी सुरेश सिंह से हुई थी।
सुरेश ने राजस्थान में लड़कियों की कमी का हवाला देकर दिया लालच
अनिल ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि सुरेश ने उनसे कहा कि राजस्थान में लड़कियों की कमी है। शादी के लिए कोई लड़की मिले तो बताना। इसके बदले में तुम्हें पैसे भी मिलेंगे। इसके बाद अनिल जबलपुर लौट आया। जबलपुर में कटरा अधारताल में अनिल के किराए के मकान के पास रहने वाली उमा मसराम को भी उसने यही ऑफर दिया था।
चार महीने पहले कमला को बनाया पहला शिकार
उमा ने अपनी सहेली संतोषी मराठा निवासी परसवाड़ा संजीवनी नगर से बात की। संतोषी ऑर्डर पर खाना बनाने का काम करती है। उसके दो बच्चे एक बेटा व एक बेटी है। पति दाउ बैरागी उसे छोड़ चुका है। सहेली उमा मसराम का प्रस्ताव उसे जम गया। इसके बाद वह लड़कियों की तलाश में जुट गई। संतोषी मराठा ने अपना पहला शिकार चार महीने पहले कमला बर्मन को बनाया।
पति से अलग खारीघाट में रहने वाली कमला को झांसे में लिया
मानव तस्कर गिरोह की पहली शिकार बनी कमला बर्मन की कहानी भी काफी भावुक कर देने वाली है। कमला बर्मन की शादी कोसमघाट में हुई थी। पति शराब पीकर मारपीट करता था, तो वह मायके आ गई थी। पूर्व में कमला के माता-पिता व बहनें खारीघाट में ही रहते थे। वर्तमान में इसका परिवार सैनिक सोसायटी दानव बाबा गढ़ा में रहता है। उसके पिता ईंट के भट्ठे पर काम करते हैं।
कमला बर्मन छह बहनें हैं। परिवार काफी गरीब है। संतोषी मराठा का मायका भी खारीघाट में है। उसकी मां के घर के पास ही कमला बर्मन और श्वेता जैन की मां उर्मिला और नानी सोना बाई विश्वकर्मा का भी घर है। इस कारण संतोषी मराठा कमला को जानती थी।
काम दिलाने का झांसा देकर कमला को ले गई कोटा
कमला बर्मन खाना आदि बनाने का काम करके जीवन यापन करती थी। उसे अधिक पैसों का लालच देकर संतोषी मराठा ने अपनी बातों में फंसाया। इसके बाद उसे अनिल के साथ कोटा ले जाया गया। वहां से उसे बूंदी में सुरेश सिंह ठाकुर के पास ले गए। उसका सौदा 70 हजार रुपए में हुआ। 50 हजार रुपए अनिल और संतोषी मराठा को मिले। इसमें 30 हजार संतोषी मराठा को और 20 हजार रुपए अनिल को मिले। 20 हजार रुपए सुरेश से और लेना थे।
पैसे मिलने के बाद बढ़ गया लालच, फिर श्वेता को बनाया दूसरा शिकार
कमला बर्मन को बेचने में मिले पैसों ने आरोपियों का लालच बढ़ा दिया। इसके बाद संतोषी मराठा ने खारीघाट में मां व नानी के साथ रह रही श्वेता जैन को अपना दूसरा शिकार बनाया। श्वेता जैन ने भूकंप कॉलोनी गढ़ा निवासी संजय जैन से प्रेम विवाह किया है। उसके दो बच्चे 8 वर्ष का बेटा व एक दो साल की बेटी है। पति गढ़ा में कपड़े का ठेला लगाता है। श्वेता जैन भी ऑर्डर पर खाना बनाने का काम करती है।
आरोपी अनिल की पत्नी ज्योति बर्मन ने उसे भी कोटा में अधिक पैसे कमान का ऑफर दिया। 22 जनवरी को श्वेता को लेकर संताेषी मराठा अनिल के कहे अनुसार अधारताल ले गई। वहां एक होटल में तीनों ने एक साथ शराब पी। फिर ऑटो से संतोषी और श्वेता को ट्रेन में बैठा दिया। अगले दिन कोटा स्टेशन से अनिल व संतोषी उसे ऑटो से बूंदी बस स्टेशन और वहां से 10 किमी दूर बूंदी किला ले गए। वहां सुरेश ठाकुर के घर उसे रखा गया।
तीसरी शिकार 31 वर्षीय मऊगंज रीवा निवासी 12 वर्ष बेटे की मां को बनाया
आरोपियों ने तीसरा शिकार मऊगंज रीवा निवासी 31 वर्षीय महिला लीला (परिवर्तित नाम) को बनाया। वह बासू होटल में रोटी बनाती थी। वहां मैनेजर रहने के दौरान अनिल बर्मन पहले से जानता था। उसने अपनी पत्नी ज्योति से उसकी मुलाकात कराई थी। उक्त पीड़िता भी पति से अलग 12 साल के बेटे के साथ रह रही थी। अनिल ने उसे अपनी पत्नी ज्योति के माध्यम से अधिक पैसे कमाने का लालच दिया और 25 जनवरी को ज्योति उसे कोटा ले गई।
इससे पहले उसके 12 साल के बेटे को रीवा मऊगंज में मां के पास भेज दिया था। 26 को उसे बूंदी में सुरेश ठाकुर के घर ले जाया गया। जहां जमना शंकर उसे 2.80 लाख रुपए में खरीद कर अपने साथ ले गया था। 40 दिन उसकी कैद में रहकर वह बेटे को लाने के बहाने उसके चंगुल से छूटकर जबलपुर लौटी।
तीन आरोपी हो चुके गिरफ्तार, दो को गिरफ्तार करने राजस्थान जाएगी पुलिस
एएसपी गोपाल खांडेल के मुताबिक मानव तस्करी के प्रकरण में आरोपी अनिल बर्मन, उसकी पत्नी ज्योति और संतोषी मराठा को गिरफ्तार किया जा चुका है। रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। दो अन्य आरोपी कोटा बूंदी निवासी सुरेश सिंह ठाकुर और जमना शंकर की तलाश में टीम राजस्थान जाएगी।
नोट: खबर में पीड़िताओं के नाम बदल दिए गए हैं।
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