पीएम नरेंद्र मोदी की सहज बिजली हर घर योजना चलाने के बावजूद एमपी के 20 जिलों के 2.31 लाख से अधिक घर अंधेरे में हैं। मतलब यहां बिजली नहीं है। ये हालत तब हैं, जब एमपी को सरप्लस स्टेट का तमगा हासिल है। पूर्व सीएम कमलनाथ के छिंदवाड़ा जिले में सबसे अधिक 84 हजार घर बिजली से वंचित हैं। कंपनी ने इन घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 564 करोड़ रुपए की योजना तैयार की है।
पीएम मोदी ने अभियान चलाकर हर टोले-मजरे और गांव को बिजली से जोड़ने के लिए 900 करोड़ रुपए की सौभाग्य योजना चलाई थी। अब हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना तैयार की गई है। पर कोविड का हवाला देकर कंपनी अब तक इस योजना पर अमल नहीं कर पाई है। कंपनी क्षेत्र के 20 जिलों में 2.31 लाख बिजली उपभोक्ता बिजली से वंचित हैं। इसमें से अधिकतर ढिबरी के भरोसे जिंदगी काट रहे हैं।
564 करोड़ रुपए की योजना हुई है तैयार
पूर्व क्षेत्र कंपनी ने प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना में छूटे टोले-मजरों तक बिजली पहुंचाने के लिए 564 करोड़ रुपए की योजना तैयार की है। इसके लिए कंपनी ने 2011 की जनगणना को आधार बनाया है। ऐसे सभी घरों को कंपनी चिन्हित कर चुकी है। वहीं आकलन भी करा चुकी है कि बिजली पहुंचाने के लिए कितने संसाधनों की जरूरत है। कंपनी का दावा है कि कोविड के चलते इस योजना को शुरू नहीं किया जा सका।
पांच हजार से अधिक ट्रांसफार्मर लगेंगे
कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अशोक धुर्वे के मुताबिक सबसे अधिक विद्युत विहीन घर छिंदवाड़ा, मंडला और ऊर्जाधानी का तमगा रखने वाले सिंगरौली जिले में हैं। ये घर जंगल से लगे हुए हैं। दुर्गम स्थलों पर हैं। कई ऐसे घर मिले, जो गांव की आबादी से दूर खेतों में मकान बना लिए हैं। बिजली विहीन घरों को कनेक्शन देने से पहले यहां बिजली लाइन, ट्रांसफार्मर आदि लगाने का काम होना है। पांच हजार से अधिक तो ट्रांसफार्मर लगाने होंगे।
इतने संसाधन लगेंगे
10 हजार से कम बिजली विहीन घर वाले जिले
पांच हजार से कम बिजली विहीन घर वाले जिले
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