एमपी में बिजली मांग और सप्लाई का नया रिकॉर्ड बना है। प्रदेश में शुक्रवार को 15 हजार 692 मेगावाट बिजली की मांग पहुंच गई। एक दिन पहले ही प्रदेश में 2956 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई हुई। ये भी रिकॉर्ड है। दो दिन में जहां बिजली मांग का रिकॉर्ड टूट गया। वहीं, बिजली यूनिट सप्लाई का प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने एक साल पहले का रिकॉर्ड तोड़ा है। रबी सीजन में खेतों में सिंचाई शुरू होने से बिजली की डिमांड जारी है।
बिजली कंपनियों के मुताबिक शुक्रवार दोपहर 12.56 बजे डिमांड ने 15 हजार 692 का आंकड़ा छूआ। इससे पहले 21 दिसंबर को 15 हजार 427 मेगावाट मांग पहुंची थी। प्रदेश में पश्चिम क्षेत्र में बिजली की मांग 6 हजार 21 मेगावाट, मध्य क्षेत्र में 5 हजार 145 मेगावाट और पूर्व क्षेत्र कंपनी में 4 हजार 240 मेगावाट दर्ज हुई। 22 दिसंबर को पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की अब तक की सबसे अधिक मांग 4 हजार 463 मेगावाट दर्ज हुई थी।
एक दिन में सर्वाधिक बिजली की खपत का रिकॉर्ड भी टूटा
रेलवे की मांग 286 मेगावाट रही। खेतों में सिंचाई का दौर जारी है। आने वाले दिनों में इससे भी अधिक बिजली की मांग बढ़ाने की उम्मीद है। अधिकारियों का दावा है कि प्रदेश में मांग बढ़ने पर भी कहीं पर भी पावर कट नहीं होगी। 23 दिसंबर को प्रदेश में 2956 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति प्रदेश में हुई। इतनी बिजली की एक दिन में खपत इससे पहले 31 दिसंबर 2020 को हुई थी। तब 2954 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई करनी पड़ी थी।
बिजली की मांग पूरी करने में सरकारी बिजली कंपनियों का योगदान 24 प्रतिशत रहा
पावर कट बिना प्रदेश में बिजली सप्लाई का दावा
प्रदेश में 15 हजार 692 मेगावाट बिजली की सप्लाई बिना पावर कट किए किया गया। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के कंट्रोल रूम के साथ क्षेत्रीय कार्यालय, स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर, पावर जनरेटिंग कंपनी के विद्युत गृहों के बीच बेहतर समन्वय से ये संभव हो पाया। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी और राज्य की पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कंट्रोल रूम सहित मैदानी अभियंताओं व कर्मियों के सहयोग से प्रदेश ने रिकॉर्ड बिजली की आपूर्ति की गई।
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