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पुलिस के संयम और काजी शहर ने जबलपुर को बचाया-:अंजुमन तक जुलूस न निकालने से था आक्रोश, पथराव-विवाद के बीच मुफ्ती-ए-जबलपुर ने उपद्रवियों को समझाया

जबलपुर2 वर्ष पहले
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बीच में शहर काजी इम्तियाज कादरी ने शांति स्थापित करने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका। - Dainik Bhaskar
बीच में शहर काजी इम्तियाज कादरी ने शांति स्थापित करने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका।

जबलपुर को अशांति की आग में झोंकने की बड़ी साजिश थी। खासकर अंजुमन तक जुलूस न निकालने को लेकर एक खास तबके के युवकों में आक्रोश था। इस आक्रोश को भड़काने वालों को पुलिस बेनकाब करने में जुटी है। पथराव और जवाब में पुलिस की ओर से छोड़े जा रहे आंसू गैस के गोले के तनाव भरे हालात में पुलिस के संयम और मुफ्ती-ए-आजम सहित कुछ बुद्धजीवियों की पहल ने शहर को जलने से बचा लिया।

शहर के मिलौनीगंज से मछली मार्केट पर दोपहर 3.30 बजे विवाद शुरू हुआ तो 5.30 बजे तक चलता रहा। दो घंटे बाद भी न तो पत्थरबाज नकाबपोश उपद्रवी पीछे हटने को तैयार थे और न ही पुलिस मछली मार्केट तिराहे से हट पा रही थी। डर था कि ये बेकाबू और उपद्रवियों की भीड़ मिश्रित आबादी में पहुंच कर और बवाल कर सकती है।

इस तरह उपद्रवी कर रहे थे पथराव।
इस तरह उपद्रवी कर रहे थे पथराव।

काजी शहर ने संभाला मामला

विवाद की खबर पाकर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा भी पहुंच गए। बावजूद उसके प्रशासन को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। इस हालात में मुफ्ती-ए-आजम जबलपुर इम्तियाज कादरी, कदीर सोनी, सरदार अयाज, गुड्‌डू व मजहर भाई ने आगे बढ़कर पुलिस-प्रशासन से बात की। आश्वस्त किया कि आप 15 मिनट हमें दो। हम एक बार पत्थरबाजी कर रहे युवकों से बात कर लें। प्रशासन की आशंका ये थी कि रोड पर पड़े पत्थरों के बीच जुलूस को निकलने दें, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। इसी आशंका को मुफ्ती इम्तियाज कादरी ने दूर की, बोले कि वे पूरी जिम्मेदारी ले रहे हैं।

मुफ्ती इम्तियाज और कदीर सोनी की पहल ने खोला सुलह का रास्ता।
मुफ्ती इम्तियाज और कदीर सोनी की पहल ने खोला सुलह का रास्ता।

प्रशासन की जिद को लेकर था आक्रोश

मुफ्ती-ए-आजम जबलपुर इम्तियाज कादरी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि पत्थरबाजी कर रहे युवकों को जबलपुर के पुलिस-प्रशासन से नाराजगी थी। आक्रोश था कि उन्हाेंने सिर्फ अंजुमन तक जाने की अनुमति मांगी थी। कोविड के पूर्व तक हर साल वे जाते रहे। कभी कोई अशांति नहीं हुई। इस बार भी और लोगों को धार्मिक आयोजन की छूट दी गई, लेकिन उनके आयोजन पर पाबंदी लगा दी गई। युवकों के आक्रोश के बीच इम्तियाज कादरी ने समझाया, बोले कि अभी माहौल ये है कि मिलौनीगंज में हजारों की भीड़ फंसी है। मछली मार्केट पुलिस छावनी बना हुआ है। लोगों के जीवन को खतरे में डालने से क्या हासिल होगा। समस्या को सुलझाने से ही बात बनेगी। कादरी के मुताबिक शायद आलिम का चेहरा देखकर युवकों ने कद्र किया हो और वे उनकी बात मान गए।

जुलूस से पहले रोड से पत्थर हटाते हुए।
जुलूस से पहले रोड से पत्थर हटाते हुए।

रोड से पत्थरों को किया किनारे

इसके बाद मुस्लिम बुद्धजीवियों ने खुद रोड से पत्थरों को किनारे किया। लौटकर एसपी व कलेक्टर को बताया कि युवक जुलूस सुब्बाशाह तक जाने को मान गए हैं। बस मछली मार्केट तिराहे पर लगी फाेर्स को थोड़ा पीछे कर लें। अधिकारियों ने भी भरोसा जताया। कदीर सोनी ने माइक संभाली और फिर जुलूस शाम 5.30 बजे निकलना शुरू हुआ, जो एक घंटे तक चला। जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।

पुलिस ने भी दिखाया संयम।
पुलिस ने भी दिखाया संयम।

पुलिस-प्रशासन का दावा, उनकी सजगता से हालात काबू में

उधर, पुलिस-प्रशासन का दावा है कि उनकी सजगता और सूझबूझ से हालात काबू में पा लिया गया। विवाद के बीच खुद कलेक्टर कर्मवीर शर्मा व एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा पहुंच गए थे। वहां पहले से एएसपी सिटी रोहित काशवानी, सीएसपी दीपक मिश्रा, अखिलेश गौर और आरआई सौरव तिवारी मोर्चा संभाले हुए थे। पुलिस ने मछली मार्केट तिराहे पर भीड़ को न रोका होता, तो वे अंजुमन तक मिश्रित आबादी में घुस गए होते। तब हालात कुछ और ही हो सकता था।

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पुलिस पर पटाखे फेंकने से हुआ विवाद

पुलिस-प्रशासन का दावा है कि मछली मार्केट में तनाव की स्थित तब बनी, जब कुछ असामाजिक तत्वों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों पर पटाखे फेंके और पथराव किया। पुलिस को बचाव में हल्का बल प्रयोग करना पड़ा और हालात पर नियंत्रण पाने के लिये अश्रु गैस का इस्तेमाल किया गया। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के मुताबिक अशांति पैदा करने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर ली गई है। आर्मोरर हेमंत शर्मा सहित घायल 6 पुलिस जवानों का मुलाहिजा कराया गया है। प्रकरण में शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, बलवा, धारा 144 के उल्लंघन सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।

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