जबलपुर में 26 वर्षीय युवक की लाश सिवनी टोला स्थित रामरमाघाट में उतराती मिली। सुपरवाइजर का काम करने वाला युवक 20 अक्टूबर की रात एक बजे नेशनल हॉस्पिटल से निकला, तो फिर लाश ही मिली। उसका मोबाइल, पर्स और बाइक हास्पिटल में ही मिली।
21 को परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन की सूचना पर लार्डगंज थाने में पहुंच कर गुमशुदगी दर्ज कराई थी। लाश उसकी तिलवारा पुलिस ने बरामद करते हुए पीएम कराया। इसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया।
अधारताल कटरा निवासी मनीष सेन (26) पिछले 8-9 सालों से नेशनल हॉस्पिटल में सुपरवाइजर का काम कर रहा था। उसकी नाइट ड्यूटी रहती थी। 20 अक्टूबर को भी वह घर से नाइट ड्यूटी पर निकला था। 21 अक्टूबर को सुबह 11 बजे हॉस्पिटल प्रबंधन ने पिता विनोद सेन को बताया कि उनका बेटा 20 अक्टूबर की देर रात एक बजे से गायब है। हैरान-परेशान परिजन हॉस्पिटल पहुंचे तो उसका मोबाइल, पर्स और बाइक मिला। मोबाइल रिसेट किया हुआ था और सिम गायब थी। पिता ने लार्डगंज थाने में गुम इंसान कायम कराया।
अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में बाहर निकलते हुए दिखा
चचेरे भाई संतोष श्रीवास के मुताबिक अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में मनीष 20 अक्टूबर की रात को दो से तीन बार निकलते हुए दिखा था। इसके बाद की रिकॉर्डिंग गायब है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि लाइट कट होने की वजह से रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई। परिजनों ने आरोप लगाए कि जब वह रात एक बजे हॉस्पिटल से निकल गया तो सूचना अगले दिन सुबह 11 बजे क्यों दी गई?
तीसरे दिन मिली लाश, कपड़ों से की पहचान
परिजन मनीष की तलाश में परेशान होते रहे। लार्डगंज पुलिस ने भी परिजनों द्वारा बताए गए अस्पताल के संदेहियों से कोई पूछताछ नहीं की। चचेरे भाई संतोष श्रीवास के मुताबिक 22 अक्टूबर की शाम को उसकी लाश सिवनी टोला के पास रामरमाघाट में उतराती हुई मिली।
थाने से बताया गया तो वे मौके पर पहुंच कर कपड़ों से उसकी पहचान की। मनीष के पूरे कपड़े व जूते शरीर पर मौजूद थे। उनका दावा है कि मनीष कुछ समय से परेशान था और नौकरी छोड़ने की बात कह रहा था। उसे अस्पताल में प्रताड़ित किया जा रहा था।
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया गंभीर आरोप
परिजनों ने सवाल उठाए हैं कि आधी रात कोई 25 किमी दूर कैसे पहुंचा?
उसके मोबाइल को रिसेट कर सिम कौन गायब कर गया? हॉस्पिटल में लगा सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग में आधे समय का ही फुटेज क्यों है?
वह कुछ दिनों से नौकरी छोड़ने की बात किससे प्रताड़ित होकर कर रहा था?
मनीष 20 अक्टूबर की रात एक बजे निकल गया तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें 10 घंटे बाद अगले दिन सुबह 11 बजे इतनी देरी से क्यों सूचना दी?
सहकर्मी युवती से थी दोस्ती
परिजनों के मुताबिक मनीष के दोस्तों से उन्हें पता चला है कि उसकी अस्पताल में काम करने वाली युवती से दोस्ती थी। इस युवती की कुछ समय पहले ही सगाई हुई है। इसी के बाद से मनीष परेशान था। परिजनों ने मनीष के मोबाइल की सीडीआर निकलवाने की मांग की है। उनका आरोप है कि शायद इसी मामले को लेकर प्रबंधन उसे प्रताड़ित कर रहा था।
पीएम के बाद परिजनों ने अस्पताल के सामने शव रखकर किया प्रदर्शन
तिलवारा पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का शनिवार 23 अक्टूबर को पीएम कराया। इसके बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। मनीष के चेहरे पर कट के निशान मिले हैं। पुलिस के मुताबिक पीएम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि ये चोट कैसे आई है। दोपहर 12.30 बजे परिजन शव लेकर नेशनल हॉस्पिटल पहुंचे।
वहां वैन में शव रखकर परिजनों ने हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधन पर बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। सूचना पाकर लार्डगंज पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब परिजन शव लेकर वहां से हटे। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की।
बेटे की लाश देख पिता बदहवास
मनीष दो भाईयों में छोटा था। बड़ा भाई आशीष सेन भी प्राइवेट जॉब करता है। पिता सैलून की दुकान चलाते हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। दोनों भाईयों की अभी शादी नहीं हुई है। मां लक्ष्मी सेन गृहणी हैं। 21 अक्टूबर से परिवार के किसी सदस्य के हलक से अन्न का एक दाना तक नहीं उतरा है। 22 अक्टूबर को शव मिलने के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मेडिकल में पीएम कराने पहुंचे पिता विनोद सेन बेटे का शव देख बदहवास से हो गए। उनके आंसू देख लोगों का कलेजा बैठा जा रहा था। यहीं हाल मां लक्ष्मी, बहन व भाई का भी है।
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