सीधी बस हादसे में मृतकों की संख्या 53 हो गई है। एक युवक अब भी लापता हैं। 96 घंटे बाद आज शुक्रवार सुबह रमेश विश्वकर्मा (25) और योगेंद्र शर्मा (28) का शव मिला। नहर में बाणसागर बांध से पानी छोड़ा गया। पानी के प्रेशर से लाश बहकर टनल से निकली। दोनों लाशें छुहिया पहाड़ी की टनल के दूसरी ओर गोविंदगढ़ में करीब डेढ़ किमी मीटर के दायरे में मिलीं।
दोनों के शव बुरी तरह फूले हुए थे और चेहरे को मछलियां खा गई थीं। पहचानना मुश्किल हो रहा था। हालांकि, परिजनों ने शवों की पहचान कर ली। NDRF और SDRF की संयुक्त टीम सिलपरा और टीकर के पास लापता युवक की तलाश कर रही हैं।
परिजन ने रमेश के शव की पहचान की। मूलत: बिहार निवासी रमेश के पिता राजेंद्र सीधी में PWD में नौकरी करते हैं। परिवार सीधी में नूतन कॉलोनी में रहता है। रमेश की बहन की शादी UP के बलिया में हुई है। वह बहन के घर जाने के लिए बस में मंगलवार को सवार हुआ था। उसे सतना में ट्रेन पकड़नी थी। चार दिन से परिवार उसकी तलाश में आंसू बहा रहा था।
बैंक के काम से ही सतना जा रहे थे योगेंद्र
सीधी के पिपरोहर में रहने वाले योगेंद्र उर्फ विकास शर्मा HDFC बैंक में जॉब करते थे। मंगलवार को बैंक के ही काम से सतना जा रहे थे। पिता सुरेश कुमार ने बताया था कि मंगलवार सुबह नौ बजे हादसे की सूचना मिली थी। तब से परिवार योगेंद्र के मिलने की उम्मीद में सीधी से रीवा जिले की सीमा में नहर किनारे भटक रहा था।
बाणसागर बांध से फुल प्रेशर से छोड़ा गया था पानी
सीधी जिला प्रशासन ने शुक्रवार को बाणसागर डैम से नहर में पानी छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद फुल प्रेशर से पानी छोड़ा गया। तीन स्थानों टीकर, सिलपरा और टनल के पास रेस्क्यू टीम तैनात थी। चार किमी लंबी टनल में फुल प्रेशर से पानी पहुंचा तो दो लाशें टीकर नहर में टनल से डेढ़ किलोमीटर दूर बहकर आ गईं।
एक की अब भी तलाश
कुकरीझर निवासी अरविंद विश्वकर्मा (20) के पिता विश्वनाथ ने बताया था कि बेटा अपनी बुआ की बेटी बोदरहवा सिहावल निवासी यशोदा विश्वकर्मा (24) को ANM की परीक्षा दिलाने निकला था। हादसे में यशोदा की मौत हो गई। उसका शव मंगलवार को ही मिल गया था। लेकिन अरविंद की तलाश में परिजन बेहाल हैं।
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