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मप्र हाईकोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने राज्य सरकार, जल संसाधन विभाग के सचिव और इंजीनियर इन चीफ को नोटिस जारी कर पूछा है कि अनुकम्पा नियुक्ति के पुराने मामलों में नई नीति का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। एकल पीठ ने अनावेदकों को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
यह याचिका होशंगाबाद निवासी रघुनंदन यादव ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि उसके पिता जल संसाधन विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे। सेवा के दौरान 20 मार्च 2012 को उनके पिता का निधन हो गया। जल संसाधन विभाग में याचिकाकर्ता ने कई बार अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया।
9 साल बीत जाने के बाद भी याचिकाकर्ता की अनुकम्पा नियुक्ति पर विचार नहीं किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी ने तर्क दिया कि जल संसाधन विभाग ने याचिकाकर्ता के एक भी आवेदन का जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग में वर्ष 2012 में अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान नहीं था, लेकिन वर्ष 2016 में राज्य सरकार ने जल संसाधन में अनुकम्पा नियुक्ति की नई नीति लागू कर दी है। नई नीति के अनुसार भी याचिकाकर्ता को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। सुनवाई के बाद मामले में नोटिस जारी किया गया है।पी-3
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