फिल्म पठान की रिलीज के पहले ही दिन हिंदूवादी संगठनों ने इसका विरोध किया। सुबह थिएटर मालिकों से मिलने हिंदू युवा जनजाति संगठन के कार्यकर्ता पहुंचे। यहां तय हुआ कि वो दिन में एक शो देखेंगे। शो देखने के बाद संगठन के लोगों ने फिल्म नहीं चलने देने की बात कही। उनका कहना था, जिस गाने को लेकर विवाद था, वो गाना या उसके सीन फिल्म से नहीं हटाए गए। कार्यकर्ताओं ने मल्टी प्लेक्स के संचालक से फिल्म बंद करने की मांग की, लेकिन वो नहीं माने।
इसके बाद शाम को वो राजवाड़ा पर थिएटर पर पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। पोस्टर जलाए और नारेबाजी की। आखिर में थिएटर संचालकों ने आश्वासन दिया कि वो उस सीन के समय स्क्रीन पर दृश्य नहीं दिखाएंगे। राजवाड़ा चौक पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। बुधवार सुबह भी कार्यकर्ताओं ने फिल्म नहीं चलाने की मांग की थी।
मंगलवार को भी वो थिएटर संचालकों से मिले थे। मामले को लेकर थिएटर संचालक जितेंद्र राठौर ने कहा, सेंसर बोर्ड ने बाद में फिल्म में कई सारी काटछांट की थी। लेकिन जिस दृश्य पर विवाद था, वो इसमें होने की बात कही जा रही है। हमने तय किया है कि उस सीन को नहीं दिखाएंगे। जितेंद्र ने कहा, सरकार को फिल्म चलाने या नहीं चलाने को लेकर निर्णय लेना चाहिए। किसी भी तरह का आपत्ति का निराकरण प्रदेश या केंद्र सरकार कर सकती है।
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