खंडवा संसदीय सीट से टिकट के दावेदारों की सूची में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल का नाम भी जुड़ने की बात सामने आई है। पाटिल के नाम जोड़ने के पीछे उनकी निर्विवाद छवि को बताया जा रहा है। तीन दिन पहले बुरहानपुर आए प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया था। इस दौरान यह बात निकली थी कि अगर पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस या सांसद पुत्र हर्षवर्धन में से किसी एक को भी टिकट दिया गया तो हो सकता है पार्टी गुट में बंट जाए। ऐसे में सीट हार का खतरा भी है। इन सभी बातों के कारण पाटिल का नाम अब उछला है।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का भी उनको समर्थन मिला है। हालांकि अभी नाम की घोषणा होना बाकी है। वहीं, इस मामले में भाजपा नेता ज्ञानेश्वर पाटिल का कहना है कि पार्टी मुझे जो भी दायित्व देगी वह निभाऊंगा। फिलहाल पार्टी से कोई आदेश नहीं मिला है।
निर्विवाद कैंडिडेट के रूप में सामने आए पाटिल
पार्टी में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस और दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के बीच गुटबाजी जगजाहिर रही है। यही वजह है कि पार्टी ने इस बार टिकट वितरण में गहन चिंतन किया। शुरुआत से तो हर्षवर्धन सिंह चौहान का ही नाम चल रहा था, लेकिन दो लोगों की लड़ाई में तीसरा बाजी न मार जाए इसे देखते हुए पार्टी ने एक-एक कार्यकर्ता, नेता से फीडबैक लिया। जिसके बाद ज्ञानेश्वर पाटिल निर्विवाद कैंडिडेट के रूप में सामने आए हैं।
नंदू भैया के कट्टर समर्थक हैं पाटिल, चुनाव मैनेजमेंट संभालते रहे
ज्ञानेश्वर पाटिल दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के कट्टर समर्थक हैं। वह कई चुनाव में नंदू भैया का चुनावी मैनेजमेंट संभालते रहे हैं। साथ ही विवाद और गुटबाजी से भी दूर रहे। इसलिए उनका नाम उभरकर सामने आया। हालांकि उनकी दावेदारी नंदू भैया के निधन के बाद ही सामने आ गई थी।
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