खरगोन के चोली गांव में एक भैंस ने 7 दिन के अंतराल में दो पाड़ों को जन्म दिया। डॉक्टर का कहना है कि साइंस इस तरह के केस को रेयर और हजारों में एक मानती है। इसे मेडिकल लैंग्वेज में सुपरफेटेशन कहा जाता है।
किसान जगदीश पाटीदार की भैंस ने शुक्रवार सुबह 11 बजे जब पाड़े को जन्म दिया तो परिवार के लोग हैरत में पड़ गए। क्योंकि, सात दिन पहले यानी 6 जनवरी को ही इस भैंस ने एक पाड़े को जन्म दिया था। किसान ने कहा कि जुड़वा पाड़ों के केस में कुछ मिनट या कुछ घंटे का अंतराल देखने में मिलता है, लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा।
एक ही हॉर्न में विकसित होते हैं दो पाड़े
चोली के पशु चिकित्सक डॉ. नरेंद्र डावर ने कहा कि ऐसे केस को मेडिकल साइंस में सुपरफेटेशन कहा जाता है। गर्भाशय में दो हॉर्न होते हैं। जब भी गर्भधारण होता है तो किसी एक हॉर्न में ही पाड़ा विकसित होता है। दूसरा हॉर्न खाली होता है। जुड़वा पाड़ों के मामलों में भी एक ही हॉर्न में दो पाड़े एक साथ विकसित होते हैं। यह एक तरह का चमत्कार ही है कि दोनों हॉर्न में एक साथ दो गर्भ विकसित हुए। इस वजह से कुछ दिन के अंतराल में भैंस ने दो पाड़ों को जन्म दिया। ऐसे मामले हजारों में एक होते हैं।
तीन दिन पहले ही खरीदी थी भैंस
किसान ने बताया कि तीन दिन पहले ही उसने अपने रिश्तेदार महेश पाटीदार से यह भैंस खरीदी था। महेश पाटीदार के घर इस भैंस ने 6 जनवरी की सुबह बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद 14 जनवरी को उसने फिर से बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के बाद भैंस या गाय के दूध को गर्म करने पर फट जाता है, लेकिन दूसरे पाड़े के जन्म देने के बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ।
क्या है सुपरफेटेशन
सुपरफेटेशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भ में एक भ्रूण का निर्माण तब होता है, जब एक अन्य भ्रूण पहले से ही गर्भाशय में मौजूद होता है।
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