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मेहरघट्टी के मजदूर सुखराम पिता नवलसिंह (38) की उसकी पत्नी व प्रेमी देवर ने मित्र के साथ गमछे से गला घोंटकर हत्या की थी। पुलिस ने अवैध संबंध के चलते 5 दिन पहले हुए अंधेकत्ल का खुलासा किया। पति को शराब पिलाकर प्रेमी देवर के साथ हत्या की। दोनों शादी करना चाहते थे। 4 माह पहले गुजरात मजदूरी करने गए तभी पति को हटाकर देवर से शादी की योजना बनाई थी। एसपी शैलेंद्रसिंह चौहान ने बताया 13 फरवरी को बिस्टान थाने के ग्राम सेजला (यशवंतगढ) में तलाई की ढलान के नीचे सुखराम का शव पड़ा मिला था। उसके गले में गमछा लिपटा था। शव से कुछ ही दूर चूने की डिब्बी पड़ी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गमछे से गला घोंटकर हत्या करना पाया। सुखराम की पत्नी गुड्डीबाई (36) थाने पर आई तो उसके पास भी वैसी की चूने की डिब्बी मिली जैसी शव के पास देखी गई थी। गांव के किराणा व्यवसायी से पूछताछ में दोनों डिब्बी उसकी दुकान से बिक्री होना बताने से पुलिस को गुड्डीबाई पर शक हुआ। 12 फरवरी को गुड्डीबाई व सुखराम ग्राम सेजला गए थे। शाम को गुड्डीबाई घर लौट आई, लेकिन सुखराम नहीं आया। 13 फरवरी की सुबह गुड्डीबाई उसके भांजे दिनेश के साथ तलाश करने तलाई की ओर ले गई। यहां दिनेश को उस ओर भेजा जहां सुखराम का शव पड़ा था। तीनों आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेजने के आदेश दिए।
मेहरघट्टी का मामला : चार माह पहले गुजरात मजदूरी करने गए थे तब पति को हटाकर देवर से शादी की बनाई थी योजना
मजदूरी करने गए तो बढ़ी नजदीकी
पुलिस के अनुसार सुखराम, गुड्डीबाई व कालू साथ में मजदूरी करने गुजरात गए थे। वहां उनकी नजदीकियां बढ़ी। कुछ दिन पहले ही वहां से लौटे। गुड्डीबाई व कालू के पहले से संबंध थे। गुजरात में यह दोनाें और करीब आ गए। यहां सुखराम को पता चल गया। यहीं पर इन्होंने सुखराम की हत्या की योजना बनाई।
ऐसे की हत्या : पत्नी ने पकड़े हाथ, भाई ने घोंटा गला
पुलिस ने बताया गुड्डीबाई के सुखराम के चचेरे भाई कालू पिता गणपत (25) निवासी मेहरघट्टी से अवैध संबंध थे। गुड्डीबाई ने कालू के साथ रहने के लिए पति सुखराम को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 12 फरवरी को इसीलिए गुड्डीबाई उसके पति सुखराम को ग्राम सेजला शराब पिलाने ले गई। वापस लौटने के दौरान कालू व उसका दोस्त अनिल पिता चैनसिंह (21) निवासी आगरबाई बाइक से दूसरे रास्ते से तलाई क्षेत्र में पहुंचे। कालू व गुड्डीबाई ने सुखराम से झूमाझटकी की।
गुड्डीबाई ने सुखराम के हाथ पकड़े और कालू ने गले में पड़े गमछे से गला घोंट दिया। पूरे घटनाक्रम के दौरान अनिल आने-जाने वालों पर नजर रख रहा था। हत्या के बाद तीनों ने सुखराम का शव उठाकर तलाई के ढलान के नीचे फेंक दिया। दूसरे दिन भांजे के साथ वह अकेले ही ढूंढने निकली। उसके हावभाव संदिग्ध थे।
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