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कोविड-19 के प्रतिबंधों की शिथिलता के बाद जिला मुख्यालय पर इस साल पहला श्री नवग्रह मेला लगेगा। इसका शनिवार को 45 दिन देरी से भूमिपूजन हुआ। सांसद गजेंद्र पटेल व विधायक रवि जोशी ने शनिवार सुबह 10.30 बजे श्री नवग्रह भगवान की पूजा अर्चना कर भूमिपूजन किया। इस दौरान सांसद ने कहा कि श्री नवग्रह मेला प्रदेश में विशेष पहचान है। विधायक ने कहा यह इससाल कोरोना के कारण मेला देरी से लग रहा है।
मेला व्यापारी प्रतिनिधि हरीश गोस्वामी, दीप जोशी व अन्य ने जनप्रतिनिधि व प्रशासन से मांग की कि श्री नवग्रह मेला धार्मिक व सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ा है। मेले की जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है। 19 मई 1961 की स्थिति में लगभग 39 एकड़ जमीन मेले राजपत्र में प्रकाशित है। मेले की जमीन का रोड के दोनों तरफ सीमांकन होना चाहिए। पूर्व विधायक बाबूलाल महाजन, एएसपी डॉ. नीरज चौरसिया, जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समुह के सदस्य, कल्याण अग्रवाल, ओम पाटीदार आदि थे।
एसपी शैलेंद्रसिंह चौहान से कहा कि धार्मिक मान्यताओं का मेला है। यहा मादक पदार्थों का विक्रय नहीं होने देंगे। इस बात का हम सब के साथ पुलिस प्रशासन भी ध्यान रखेगा। नपा सीएमओ प्रियंका पटेल ने बताया कि धीरे-धीरे व्यवस्थाएं जुटाई जाएंगी। 15 फरवरी से 15 मार्च तक मेला लगेगा।
नवग्रह वाटिका : 10 फीट के रौपे थे, 30 फीट तक के हो गए पौधे
नवग्रह वाटिका में 569 दिन पहले रौपे गए औसत 10 फीट के पौधे अब 30 फीट के हो गए। यहां मियामांकी पद्धति से तत्कालीन कलेक्टर गोपालचंद्र डाड ने 22 जुलाई 2019 को पौधारोपण किया था। तब यह बताया गया था कि इस पद्धति से 2 साल में जंगल खड़ा हो जाता है। वाटिका के 4439 वर्गफीट क्षेत्र में 15 हजार पौधे रोपे थे। इसमें खमेर, बरगद, पीपल, गुलमोहर, बोगन वेल्लिया, शीशम, अनार, जामुन, आम, नींबू, अर्जून, वॉटर पॉम, आंवला, अमलतास सहित 30 प्रजातियां शामिल है।
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