लूट के आरोपी की मौत के बाद खरगोन के बिस्टान में मंगलवार को गुस्साई भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया। पथराव और तोड़फोड़ कर पुलिस जीप को पलट दिया। अचानक हुए हमले के बाद पुलिसकर्मी थाने से जान बचाकर भागे। साथ ही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। उधर, सूचना के बाद थाने और जिला अस्पताल में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दिया गया। पथराव में 7 पुलिसकर्मियों को चोट आई है। परिवार वालों का कहना है कि पुलिस की मारपीट के कारण बिसन की मौत हुई है। मामले में एसपी ने 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं।
पिकअप वाहन से आई थी भीड़, 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 100 से ज्यादा लोग पिकअप वाहन में सवार होकर बिस्टान थाने को घेर करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने पथराव किया और थाना प्रभारी व डीएसपी के कक्ष में जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए फायर करने के साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे। हमले में सावन नारायण, दीपक राकेश, बनवारी विष्णु, वीरेंद्र रघुनाथ, जितेंद्र कवचे, सैनिक डोंगर और आत्माराम असवारे घायल हुए हैं। मामले में एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने एसआई जितेंद्र कवचे, प्रधान आरक्षक आवेश शेख, भरत मिलन यादव और हरिओम मीणा को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही मामले मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश भी दिए गए हैं। मामले में कांग्रेस ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की मांग करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की है।
12 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा
चित्तौड़गढ़-भुसावल राजमार्ग पर 10 दिन पहले ट्रक चालक और बाइक सवारों से मोबाइल, कैश और आभूषण लूटने वाले खैरकुंडी गांव के 12 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा था। इन्हें कोर्ट में पेश कर 8 लोगों को जेल भेजा गया जबकि 4 आरोपियों को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा गया था। रिमांड में रहे बिसन (35) को भी सोमवार को जेल भेज दिया गया, जहां रात में उसकी तबीयत बिगड़ी। इसके बाद उसे जेल से रात दो बजे जिला अस्पताल लाया गया। यहां इलाज के दौरान सुबह उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही परिजन आक्रोशित हो गए।
एसडीएम सत्येंद्र सिंह ने बताया कि सुबह करीब पौने 10 बजे खैरकुंडी गांव के 100 से ज्यादा लोगों ने थाने को घेरकर पथराव किया। ऐसी स्थिति में हवाई फायर और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को हटाया गया। कुछ दिन पहले 10-12 लोगों ने लूट की थी। इन्हें पकड़कर जेल भेज दिया गया था। आरोपियों में बिसन की सोमवार रात को डेथ हो गई थी। हमला करने वालों का आरोप है कि पुलिस के कारण मौत हुई है। पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है। बॉडी के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान नहीं हैं। हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है। तीन जवानों को चोट आई है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया ट्वीट
इन्हें पुलिस ने पकड़ा था
पुलिस के अनुसार नवाई पर्व मनाने के लिए रुपए नहीं होने पर खैरकुंडी के चिमा(20), भाव सिंह (28), बिसन (35), दशरिया उर्फ दशरथ(21), प्रकाश(22), नारिया(24), नाखा(24), शामु(23), अनिल(20), धेरिया(25), कालू(30) व पालिया(30) ने लूट की योजना बनाई। इन लोगों ने घाट सेक्शन में लोहे की रेलिंग लगाकर बाइक सवार व ट्रक चालक से 19 हजार रुपए कैश, चांदी का अंगूठी, मूर्ति वाला लॉकेट व 3 मोबाइल लूटे थे।
मोबाइल में सिम से पहुंचे थे आरोपियों तक
पुलिस ने बताया कि घाट क्षेत्र के मुंडिया निवासी मुकेश का मोबाइल आरोपियों ने छीना था। इस मोबाइल की सिम निकालकर अन्य सिम लगाई गई। साइबर सेल ने मोबाइल व सिम की लोकेशन पता की तो खैरकुंडी में मिली। सिम रूमसिंह पिता प्यारसिंह के नाम थी। जांच में यह सिम चिमा पिता भावसिंह के पास होना मिला। सख्ती से पूछताछ में चिमा टूट गया और गांव के 11 लोगों के साथ लूट की घटना करना स्वीकार किया। आरोपियों से एक मोबाइल, चांदी की अंगूठी, लॉकेट व 13,200 रुपए कैश जब्त किए गए। कोर्ट से भावसिंह, बिसन, दशरिया व नारिया की रिमांड मिली थी जिसमें से बिसन की मौत हो गई।
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