खरगोन में नर्मदा किनारे के बलगांव में धार जिले के बलवाड़ा से नाव पर सवार होकर दुल्हन ब्याहने बारात आई। सजी-धजी नाव में कपिल पटेल दूल्हे के लिबास में व बाराती साफा बांधे सवार थे। तट पर कसरावद की दुल्हन दिव्या के परिजनों ने अगवानी की।
नर्मदा तट बलगांव के मौनी बाबा आश्रम में फेरे व विवाह की रस्में पूरी कीं। गुब्बारों से सजी नाव से ही बाराती संग दूल्हा-दुल्हन लौट गए। बाराती दिलीप पटेल ने बताया दोनों परिवारों ने बलगांव नर्मदा तट पर विवाह की रस्में पूरी करने का निर्णय लिया था।
बलवाड़ा से बलगांव की सड़क मार्ग की दूरी करीब 20 किमी है। नदी मार्ग से यह केवल 1 किमी है। परिजनों ने फेर से बचने के लिए नाव से आना तय किया।
बलगांव के बुजुर्ग बताते हैं कि नर्मदा के उस पार के रिश्तेदारी की बारातें हमेशा नाव से आती रही हैं। गांव तक वाहनों का प्रचलन तेजी से बढ़ने से नावों से बारातें आना कम हो गईं। गांव में नाव से बारात आने का ऐसा नजारा करीब 15 साल बाद देखने को मिला है। कई साल बाद यह देखकर पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं।
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