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28 दिन में कपास मंडी में आवक का रिकॉर्ड टूट गया। सोमवार को खराब मौसम खुलने के बाद कपास मंडी में 1750 वाहन व 450 बैलगाड़ी उपज नीलामी के लिए पहुंची। सुबह 8 बजे ही मंडी के सभी 6 शेड फुल हो गए। जगह नहीं बची। गेट बंद करना पड़ा। आनंदनगर के पास प्राइवेट स्कूल के आसपास व खाली मैदान में वाहनों को खड़ा करना पड़ा। यातायात पुलिस को दिनभर मंडी रोड पर कपास वाहन व बैलगाड़ियों की भीड़ को नियंत्रित किया। मंडी प्रशासन के मुताबिक 45 हजार क्विंटल से ज्यादा कपास की आवक हुई। निर्धारित समय से आधा घंटा ज्यादा नीलामी चली। फिर भी 750 वाहन नीलामी के बाद शेष रह गए। ज्यादा भीड़ के कारण मंडी प्रशासन व भारतीय कपास निगम को अनाउंस करना पड़ा कि सरकारी खरीदी लंबी चलेगी। किसान परेशान न हों। हर किसान की उपज खरीदी जाएगी। मंडी सचिव रामवीर किरार ने बताया कपास का भाव 4400-5725 रुपए क्विंटल मिला। बाकी वाहनों की नीलामी मंगलवार को होगी।
इसलिए रिकॉर्ड टूटा : आवक व न्यूनतम 400 रुपए भाव ज्यादा
23 नवंबर की आवक 1700 वाहन 400 बैलगाड़ी 30000 क्विंटल 4000-5725 भाव 21 दिसंबर की आवक 1750 वाहन 450 बैलगाड़ी 45000 क्विंटल 4400-5725 भाव
व्यवस्था : पिछली अव्यवस्था से सबक, पहले ही जगह बना ली
कपास मंडी प्रभारी रामचंद्र ने बताया 45 हजार क्विं. से ज्यादा आवक हुई। रात में मंडी फुल हो गई। सुबह तक जगह नहीं बची थी। अव्यवस्था न हो इसलिए 8 बजे गेट बंद करना पड़ा। पिछली बार अव्यवस्थाओं से सबक लेकर पहले ही अतिरिक्त जगह वाहन खड़े करा दिए। आधा निजी स्कूल के पास व आनंदनगर के पिछले हिस्से में खाली मैदान में वाहन लगा दिए गए।
तीन सीसीआई अफसर खरीदी में शामिल
सीसीआई की खरीदी सप्ताह में चार दिन हो रही है। पिछले सप्ताह शुक्रवार व शनिवार के अलावा रविवार की छुट्टी होने से तीन दिनों से सीसीआई की खरीदी बंद थी। सोमवार को मौसम साफ होने से आवक बढ़ी। अभी तक दो कॉटन पर्चेसर कपास खरीदी में हिस्सा ले रहे थे। सोमवार को तीन लोगों ने खरीदी में हिस्सा लिया। 15 हजार क्विंटल से ज्यादा कपास की खरीदी का अनुमान है।
वीडियो जारी कर किसानों से गुजारिश
^ किसान किसी बहकावे में न आएं। सरकारी खरीदी लंबे समय तक चलेगी। किसी प्रकार से मंडी में खरीदी बंद नहीं होगी। शनिवार ही बंद रहेगी। सुविधा के लिए फसल को रोक रोककर लाए। ज्यादा आवक से किसानों को भी असुविधा होती है।
-रामचंद्र भास्करे, प्रभारी कपास मंडी
^ किसान आराम से उपज लाएं। लंबे समय तक खरीदी चलेगी। ज्यादा आवक से जीनिंग में संसाधन कम पड़ जाएंगे तो खरीदी बंद करना पड़ सकती है।
- अरुण सहगल, खरीदी केंद्र प्रभारी
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